मुश्किलों में और मजबूत हो रहा मोदी-पुतिन का रिश्‍ता, रूस में पहली फर्टिलाइजर कंपनी लगाने जा रहा भारत, ट्रंप को लगी मिर्ची

Update: 2025-10-23 07:20 GMT

नई दिल्‍ली। अमेरिका ने भारत और रूस के बीच दीवार खड़ी करने की जितनी ज्‍यादा कोशिश की है, दोनों के रिश्‍ते उतने ही मजबूत होते गए हैं. खासकर डोनाल्‍ड ट्रंप के राष्‍ट्रपति बनने के बाद भारत और रूस के संबंधों पर बहुत ज्‍यादा दबाव डाला गया. इन दबावों के बीच पीएम मोदी और रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन ने दुनियाभर के मंचों पर अपने संबंधों को और विश्‍वसनीय बनाने की प्रतिबद्धता जताई है. भारत अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए पहली बार रूस में फर्टिलाइजर्स कंपनी लगाने की तैयारी कर रहा है. जाहिर है कि इस कदम से अमेरिकी राष्‍ट्रपति को एक बार फिर बड़ा झटका लगेगा, क्‍योंकि उनकी मंशा औंधे मुंह गिरती नजर आ रही है.

इकनॉमिक टाइम्‍स के अनुसार, मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि भारत की यह मंशा देश में फर्टिलाइजर्स सप्‍लाई को बेहतर बनाने के लिए है. प्रस्‍तावित प्रोजेक्‍ट को राष्‍ट्रीय रसायन एवं फर्टिलाइजर्स, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. इसका मकसद रूस में मौजूद प्राकृतिक गैस और अमोनिया के विशाल भंडार और कच्‍चे माल की उपलब्‍धता का फायदा उठाना है. भारत को इन कच्‍चे माल की काफी जरूरत है, ताकि देश में उर्वरक की कमी को पूरा किया जा सके.

कब होगी योजना की घोषणा

अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्‍ट की आधिकारिक घोषणा दिसंबर में होने वाली रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो सकती है. यह प्रोजेक्‍ट भारत-रूस के व्‍यापारिक संबंधों के लिए एक नए अध्‍याय की शुरुआत होगी. देश की पोटाश कंपनी ने रूसी कंपनियों के साथ कुछ भागीदारियां भी की हैं. अभी तक भारत की तीनों सरकारी फर्टिलाइजर्स कंपनियों ने रूस की कंपनियों के साथ कुछ समझौते भी कर लिए हैं. पुतिन के भारत दौरे के बाद इसका काम जमीन पर उतर सकता है.

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