पूर्व मंत्री के दामाद के घर नकली पुलिस बनकर डकैती की वारदात का खुलासा, तीन गिरफ्तार

Update: 2025-10-28 11:27 GMT

 श्रीगंगानगर। केसरीसिंहपुर थाना क्षेत्र के गांव 42 जीजी में करीब दस दिन पहले हुई डकैती की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। वारदात को अंजाम देने वाली अन्तर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है।

मंगलवार को पुलिस अधीक्षक  डॉ. अमृता दुहन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि 18 अक्टूबर की रात अज्ञात बदमाशों ने परिवादी  गुरचरण सिंह के घर पर फर्जी पुलिस दल बनकर लूट और डकैती की वारदात की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एएसपी रायसिंहनगर भंवरलाल  के सुपरविजन में विशेष टीम गठित की गई।

टीम ने तकनीकी और मानवीय सूचना के आधार पर पंजाब के जगरावा मंडी निवासी बलजिंद्र सिंह , उसका बेटा  सर्वजीत सिंह और धर्मभाई सुरेंद्र कुमार  को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, इस गैंग में  छह सदस्य शामिल थे, जिनमें तीन अभी फरार हैं। पुलिस ने फरार आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

 40 से अधिक मामलों में लिप्त यह शातिर गैंग 

एसपी ने बताया कि यह गैंग राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सक्रिय है और अब तक  लूट, डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास सहित 40 से अधिक प्रकरणों में संलिप्त पाई गई है। ये आरोपी किराये की गाड़ियों से राज्यों में घूमकर वारदातें करते थे।

मुख्य आरोपी  बलजिंद्र सिंह  बेहद शातिर अपराधी है, जो  हनुमानगढ़ के परलीका बैंक डकैती में भी शामिल रह चुका है। वह अब तक छह बार पुलिस व जेल कस्टडी से फरार हो चुका है। उसका तरीका यह है कि वह खुद को फर्जी पुलिस अफसर या  कार्मिक बताकर लोगों को धमकाता और लूटपाट कर फरार हो जाता है।

 ऐसे रची गई थी डकैती की साजिश 

पुलिस जांच में सामने आया कि परिवादी के परिवार का गांव के युवक बॉबी से झगड़ा हुआ था। बॉबी, मुख्य आरोपी बलजिंद्र सिंह के बेटे के साथ पंजाब के जगरावा में फास्ट फूड की दुकान चलाता है। उसने परिवादी से बदला लेने के लिए बलजिंद्र और उसकी गैंग से संपर्क किया और घर में डकैती की साजिश रची।

बॉबी ने गैंग को बताया कि  गांव 42 जीजी में परिवादी सबसे अधिक संपन्न व्यक्ति है और उसके घर पर “मोटा माल” मिल सकता है। उसने गांव में पहुंचने के लिए  कच्चे रास्तों  का रास्ता भी बताया, ताकि पुलिस को भनक न लगे। गैंग ने  किराये की स्कॉर्पियो गाड़ी ली और उस पर  नकली नंबर प्लेट  लगाई, ताकि ट्रेस न किया जा सके।

 300 किलोमीटर तक पीछा, 200 CCTV कैमरे खंगाले 

एसपी ने बताया कि  टीम ने गांव 42 जीजी से लेकर केसरीसिंहपुर, पदमपुर, चूनावढ़, मटीलीराठान, हिंदूमलकोट और जवाहरनगर तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। बाद में पंजाब के अजीमगढ़, अबोहर, मलोट और जगरावा तक  करीब 300 किलोमीटर  की दूरी में  200 से अधिक कैमरे  चेक किए गए।अंततः दिल्ली में दबिश देकर तीनों आरोपियों को पकड़ा गया, जिसमें दिल्ली क्राइम ब्रांच ने भी अहम भूमिका निभाई।


 


 

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