बजरी के खेल में पिस रहा आमजन, आसमान छू रही किमतें

Update: 2024-09-01 16:00 GMT

भीलवाड़ा (विजय गढ़वाल) । जिले में एक बार फिर बजरी का अवैध खेल बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। रात के अंधेरे में ट्रेक्टर के साथ-साथ डंपर बजरी ले जाते हुए खुले आम देखे जा सकते हैं। मिलीभगत के इस खेल के पीछे आम आदमी पिसता नजर आ रहा है। पुसिल खनन और अन्य लोगों को सुविधा शुल्क चुकाने की बात कहकर काफी महंगी दर पर बजरी बेची जा रही है। ऐसे में मकान बनाने वाले लोगों के सामने संकट खड़ा होता नजर आ रहा है।

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बनास नदी के किनारे-किनारे लगने वाले पुलिस थानों के साथ ही खनिज और अन्य लोगों को हफ्ता देकर बजरी माफिया जमकर बजरी का दोहन कर रहा है। खनिज विभाग के कारिंदे भी इस खेल को नजरअंदाज कर रहे हैं। यहीं वजह है कि मंगरोप, बीगोद और हमीरगढ क्षेत्र से बड़ी संख्या में ट्रेक्टर ट्रॉली के साथ ही डंपर रात के अंधेरे में निकलते हैं और तय स्थान पर बजरी पहुंचा देते हैं। जबकि रात में पुलिस की गश्त हर बीट पर तैनात रहती है और गश्ती गाडिय़ा भी घूमती है, इसके बावजूद इनका पकड़ा नहीं जाना मिलभगत को ही दर्शाता है। कुछ छुटभैया खबरनवीस भी इस खेल में शामिल बताए जा रहे हैं। ऐसी चर्चा इन क्षेत्रों में खासी सुनने को मिलती है। मिलभगत के इस खेल के चलते बजरी की किमत आसमान को छू रही है, जहां पहले दस-बारह हजार रुपए में डंपर मिल जाता था, आज वह 22 से 23 हजार रुपए में मिल रहा है। ऐसा भी नहीं है कि किसी को इस बात की जानकारी ना हो, वैसे तो कुछ सफेदपोश लोगों को वृह्द हस्त भी बजरी माफियाओं को लूट के इस खेल में आगे किए हुए है।

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