‘प्रशासन शहरों के संग’ के अटके कामों को भजनलाल सरकार की हरी झंडी, न्यास और नगर निगम में फिर दिखेगी लोगो और दलालो की रेलमपेल
भीलवाड़ा (राजकुमार माली)। नगर विकास न्यास और नगर निगम के दफ्तरों पर एक बार फिर लोगो और दलालो की रेलमपेल नजर दिखनी शुरू हो जाएगी, मुख्य मंत्री भजनलाल सरकार ने एक बड़ा बड़ा फैसला लेते हुए पहले की कांग्रेस सरकार की महत्वपूर्ण प्रशासन शहरों के संग अभियान योजना के तहत भीलवाड़ा के साथ ही प्रदेश भर में अटके काम होंगे पूरे करने को ह्री झंडी दे दी हे .
स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में मंगलवार को स्पष्टीकरण आदेश जारी किया हे , पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान में अटके काम अब भी पूरे होंगे। राज्य सरकार ने उन लोगों को राहत दी है, जिन्होंने अभियान के दौरान राशि जमा कर दी थी, लेकिन उनका काम पूरा नहीं हो पाया। इससे रियायती दर पर पट्टा मिलने के साथ ही भू-खंड का उपविभाजन-पुनर्गठन, भू-उपयोग परिवर्तन सहित अन्य कार्य हो सकेंगे।
खास यह है इस बार इस छूट के लिए समय सीमा तय नहीं की गई है, यानी सभी प्रकरण निस्तारित होने तक काम किए जाते रहेंगे। पहले 10 अगस्त, 2024 तक छूट दी गई थी।जिन आवेदनकर्ताओं ने अभियान अवधि में राशि जमा कराई थी, उनके लंबित प्रकरण समय सीमा समाप्त होने के बाद भी निस्तारित किए जा सकते हैं।जिन्होंने उस समय राशि जमा नहीं कराई थी, उनके प्रकरण अब वर्तमान दरों और नियमों के अनुसार ही निस्तारित करने होंगे।
नगर निगम और न्यास कार्यालयों में फिर दिखेगी हलचल
सरकारी आदेश जारी होने के साथ ही अब एक बार फिर नगर निगम और नगर विकास न्यास कार्यालयों में लोगों और दलालों की भीड़ दिखाई देने लगेगी। जो कार्य पिछली सरकार के अभियान के दौरान शुरू हुए लेकिन **अधूरे रह गए**, वे अब बिना नई आवेदन प्रक्रिया के **प्रत्यक्ष निस्तारित** किए जा सकेंगे – बशर्ते कि आवेदक ने उस समय तय **राशि जमा** कराई हो।
क्या है आदेश की मुख्य बातें:
* **जिन आवेदकों ने अभियान के दौरान फीस जमा कराई थी**, उनके प्रकरण अब **सीमा समाप्त होने के बाद भी** निस्तारित होंगे।
* अब की बार **कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है**। यानी जब तक सभी मामलों का निपटारा नहीं हो जाता, छूट जारी रहेगी।
* **रियायती दर पर पट्टे**, **भू-खंड का उपविभाजन**, **पुनर्गठन**, और **भू-उपयोग परिवर्तन** जैसे काम फिर से शुरू होंगे।
* जिन्होंने पहले राशि **नहीं जमा कराई थी**, उनके मामलों में अब **वर्तमान दर और नियम** लागू होंगे।
सियासी और प्रशासनिक संदेश भी अहम
यह फैसला जहां सामान्य जनता को राहत देने वाला है, वहीं इससे यह संकेत भी मिलता है कि भजनलाल सरकार पूर्ववर्ती योजनाओं को तात्कालिक राजनीतिक कारणों से नहीं रोक रही , बल्कि उनके अधूरे हिस्सों को जनहित में आगे बढ़ा रही है । इससे सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीद भी बढ़ी है।
क्या बोले अधिकारी?
यह फैसला उन हजारों लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो वर्षों से पट्टे, उपविभाजन या रूपांतरण के लिए भटक रहे थे, जबकि उन्होंने समय रहते शुल्क जमा करा दिया था। अब वे अपने दस्तावेज लेकर सीधे नगर निकायों में निस्तारण के लिए जा सकते हैं।”*
जनता को क्या करना होगा?
* जिन आवेदकों ने अभियान के दौरान शुल्क जमा कराया था, वे अपने पुराने दस्तावेज और शुल्क रसीद के साथ नगर निगम/न्यास में संपर्क करें।
* नए आवेदन या बिना पूर्व भुगतान वाले प्रकरण अब पूर्ववत रियायतों के पात्र नहीं होंगे।
‘प्रशासन शहरों के संग’** के तहत शुरू हुए अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने का सरकार का यह निर्णय **हजारों लोगों के सपनों को जमीन पर उतारने** की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब यह प्रशासनिक अमले की जिम्मेदारी है कि वे इस निर्णय को **भ्रम और भ्रष्टाचार से मुक्त** रखते हुए **तेजी से अमल में लाएं**, ताकि विकास की गति को नया आयाम मिल सके।
