भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल का जल्द होगा विस्तार:बनाए जा सकते हैं 6 नए मंत्री

Update: 2025-08-20 17:40 GMT

  


जयपुर: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। लंबे समय से मंत्री बनने का सपना संजोए हुए आधा दर्जन विधायकों की तमन्ना जल्द ही पूरी हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में बनी इस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना ने प्रदेश के सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। पिछले 23 दिनों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तीन बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं, और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित अन्य नेताओं की सक्रियता ने इन अटकलों को और बल दिया है।

दिल्ली दौरे और मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से कई दौर की मुलाकातें की हैं। इन मुलाकातों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। विशेष रूप से, 23 दिसंबर 2024 को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद सियासी गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला जल्द लिया जा सकता है। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिसने इस चर्चा को और हवा दी।

छत्तीसगढ़ का फॉर्मूला राजस्थान में लागू होने की संभावना

बीजेपी को 2023 के विधानसभा चुनावों में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था। इन तीनों राज्यों में सरकार गठन के बाद छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ के फॉर्मूले को अपनाया जा सकता है। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं, और नियमों के अनुसार मंत्रियों की संख्या कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। वर्तमान में भजनलाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि अभी 6 और मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है।

विधायकों के सपनों को मिलेगा पंख

मंत्रिमंडल विस्तार की खबर ने कई विधायकों के मन में उम्मीद की किरण जगा दी है। लंबे समय से मंत्री बनने का सपना देख रहे विधायकों में उत्साह है। सूत्रों के अनुसार, जिन नामों की चर्चा है, उनमें पूर्व मंत्रियों कालीचरण सर्राफ, अनीता भदेल, श्रीचंद कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह राणावत के अलावा विधायक जयदीप बियानी, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा शामिल हैं। बीजेपी ने हमेशा से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल का गठन किया है, और इस बार भी यही रणनीति अपनाई जा सकती है।

संगठन में बदलाव की संभावना

हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ संगठन में भी बदलाव की सुगबुगाहट है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने संकेत दिए हैं कि कुछ मौजूदा मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है। इससे मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिल सकती है, और पार्टी संगठन को भी मजबूती मिलेगी। यह रणनीति बीजेपी के लिए नई नहीं है, क्योंकि पार्टी पहले भी इस तरह के बदलाव करती रही है ताकि नए और पुराने नेताओं के बीच संतुलन बनाया जा सके।

भजनलाल सरकार की रणनीति

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने 2023 में 115 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल किया था। सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार किया जा रहा है। अब जबकि छत्तीसगढ़ में विस्तार हो चुका है, राजस्थान में भी इसकी संभावना बढ़ गई है। मंत्रिमंडल विस्तार न केवल विधायकों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करेगा, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाने में भी मदद करेगा।

निष्कर्ष

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा अब अंतिम चरण में पहुंचती दिख रही है। विधायकों के मंत्री बनने के सपने जल्द साकार हो सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री की सक्रियता इस बात का संकेत दे रही है कि जल्द ही नए मंत्रियों की शपथ हो सकती है। यह विस्तार न केवल सरकार को मजबूती देगा, बल्कि बीजेपी की संगठनात्मक रणनीति को भी नई दिशा प्रदान करेगा।


 

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