अगले माह से फार्मर रजिस्ट्री प्रदेशभर में होगी शुरू : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एग्रीस्टैक किसान केन्द्रित समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है, इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरूआत होगी। इसके अन्तर्गत किसानों की जानकारी का व्यापक डेटाबेस तैयार करते हुए प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सुगमता एवं पारदर्शिता आएगी।
शर्मा एग्रीस्टैक योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री रोल-आउट को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में एग्रीस्टैक परियोजना को लेकर मिशन मोड़ पर कार्य किया जाए एवं इससे जुड़ने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए।फार्मर रजिस्ट्री के लिए आयोजित होंगे कैम्प—मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर दिसम्बर में सीकर जिले से इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया। आगामी फरवरी माह से इसे प्रदेशभर में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इन कैम्पों को लेकर तैयारी पूरी करने तथा तथा उपखंड स्तर पर पर्यवेक्षण एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कैम्पों में आमजन को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। साथ ही, इन कैम्पों में अन्य विभागों की संबंधित सेवाओं को भी शामिल किया जाए।
किसानों को किया जाए जागरूक—
शर्मा ने कहा कि इस मिशन में किसान अहम कड़ी हैं। उनको इस मिशन के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए, जिससे वे इससे जुड़ें और कोई भी अन्नदाता सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे। इसलिए किसान हित में की गई इस महत्वपूर्ण पहल का व्यापक स्तर पर सोशल मीडिया आदि पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
एग्रीस्टैक: किसानों का गोल्डन रिकॉर्ड—
उल्लेखनीय है कि एग्रीस्टैक कृषि से संबंधित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की परियोजना है। इसके अंतर्गत डिजिटल रूप में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं भू-संदर्भित नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर डेटा तैयार करने से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक किसानों की पहुंच आसान हो सकेगी।
बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोडा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव राजस्व दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता मंजू राजपाल सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।