प्राइवेट हॉस्पिटलों ने दी RGHS सुविधा 25 अगस्त से बंद करने की चेतावनी

Update: 2025-08-22 05:57 GMT

भीलवाड़ा । राजस्थान सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) एक बार फिर विवादों में घिर गई है। राज्यभर के प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे 25 अगस्त से RGHS की सभी सेवाएं बंद कर देंगे।इसका असर सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारियों और उनके आश्रितों पर पड़ेगा, जिन्हें 700 से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल और फार्मा स्टोर्स पर इलाज और दवा की सुविधाएं मिल रही हैं।

एसोसिएशन ने किया ऐलान

राजस्थान एलायंस ऑफ ऑल हॉस्पिटल एसोसिएशन ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि लगातार समस्याओं और अनदेखी के चलते अब धैर्य जवाब दे चुका है। एसोसिएशन ने साफ कहा कि आईपीडी (इनडोर पेशेंट सुविधा), ओपीडी (आउटडोर पेशेंट सुविधा) और दवा वितरण की सेवाएं RGHS के तहत 25 अगस्त से बंद कर दी जाएंगी।

भुगतान में देरी और बिल कटौती पर नाराजगी

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से भुगतान में महीनों की देरी हो रही है। इसके अलावा, समय पर जमा किए गए बिलों में बेवजह कटौती की जा रही है। इस वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल और फार्मा स्टोर दोनों आर्थिक संकट झेल रहे हैं।

“हम कई बार सरकार को शिकायतें और ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है,” एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा।

जुलाई में भी हुआ था ऐलान

यह पहली बार नहीं है जब प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों ने सेवाएं बंद करने की चेतावनी दी हो। जुलाई महीने में भी उन्होंने इसी तरह का ऐलान किया था। उस समय 14 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव के साथ बैठक हुई थी, जिसके बाद फैसले को टाल दिया गया था। संचालकों को उम्मीद थी कि सरकार समस्याओं का समाधान करेगी, लेकिन हकीकत में हालात जस के तस बने रहे।

मरीजों पर असर की आशंका

यदि 25 अगस्त से सेवाएं बंद हो जाती हैं तो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल की जगह सरकारी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा, जहां पहले से ही भीड़ और संसाधनों की कमी रहती है। खासकर गंभीर मरीजों को बड़ी परेशानी हो सकती है।

सरकार पर दबाव बढ़ा

इस चेतावनी के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग फिलहाल हालात पर नजर बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में विभाग और एसोसिएशन के बीच बातचीत हो सकती है।

उम्मीद और चिंता के बीच कर्मचारी

राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रितों की उम्मीद अब सरकार और एसोसिएशन के बीच होने वाली बातचीत पर टिकी है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें समय पर इलाज मिलना चाहिए और स्कीम की खामियों को दूर करने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।

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