पूर्व मंत्री रामलाल जाट को बड़ी राहत , नहीं होगी CBI जांच: सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों के फ्राॅड की जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
भीलवाड़ा हलचल पूर्ववर्तीगहलोत सरकार में राजस्व मंत्री रहे रामलाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में अब सीबीआई जांच नहीं होगी पिछले साल उनके खिलाफ 5 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में सीबीआई जांच की एंट्री हो गई है। रामलाल जाट पर सीबीआई की जांच शुरू होने से सियासी हलकों में हलचल मच गई है। लेकिन आज सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए जाट को बड़ी राहत दी हे 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर एक माइनिंग व्यवसायी ने उन पर 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
पूर्व मंत्री रामलाल जाट, एडीजी आनंद श्रीवास्तव के भाई अरविंद श्रीवास्तव और अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इन सभी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी।सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा-हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच का आदेश देना अनुचित था। राज्य की पुलिस पूरी तरह सक्षम है और मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है।
राज्य सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सीबीआई जांच केवल असाधारण परिस्थितियों में ही होनी चाहिए और इसे जांच का नियमित विकल्प नहीं बनाया जा सकता है।मामले में शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए राज्य पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि हाईकोर्ट ने एक पूर्व मंत्री रामलाल जाट और एक एडीजी स्तर के अधिकारी के भाई की संलिप्तता का हवाला देकर जांच को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया कि उक्त एडीजी अधिकारी का जांच से कोई संबंध नहीं था, क्योंकि उनकी तैनाती पूरी तरह गैर-अपराध शाखा में थी।
क्या है रामलाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला?
इस मामले में राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने कोर्ट में इस्तगासा दायर कर केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में पूर्व मंत्री रामलाल जाट भी शामिल थे। बताया गया कि जाट ने 50% शेयर अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवा दिए थे। इसके बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन दस्तावेज नाम कराने के बाद व्यापारी को भुगतान नहीं किया। इसको लेकर भीलवाड़ा जिले के करेड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया था। मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने इस मामले में कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।