खनिज विभाग मूक दर्शक: दिन में भरते हैं, रात के अंधेरे में करते हैं अवैध परिवहन, खनिज और पुलिस विभाग नहीं हे बेखबर ,

Update: 2025-12-07 10:50 GMT



 भीलवाड़ा . जिले के कई थाना क्षेत्र में इन दिनों रात्रि के अंधेरे में  खनिज और पुलिस की निगाहें में बजरी  का  अवैध खनन और परिवहन का सिलसिला तेजी से चल रहा है। पुलिस की ओर से नाके लगाए जाने के बावजूद बजरी से भरे वाहन थाने के सामने से गुजरते हुए खुलेआम परिवहन कर रहे हैं। रात होते ही  कोठारी और   बनास नदी की ओर जाने वाली सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली, कैंट्रा पिकअप, डंपर और लोडर मशीनों की आवाजाही बढ़ जाती है। लम्बे समय से खनिज विभाग मूक दर्शक बना हुआ हे ,वही पुलिस अधीक्षक की सख्ती के नाम पर बड़ा खेल चल रहा हे .

सड़कों के किनारे बजरी के ढेर और वाहनों का जमावड़ा दिखाई देता है, जिससे आमजन रात में इन मार्गों पर यात्रा करने से भी डरते हैं। हालांकि शहरी क्षेत्र में नाकों पर पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन इस कार्रवाई में पुलिस एकाध टै्रक्टर-ट्रॉली पर कार्रवाई कर इतिश्री कर लेती है।

दिन में गांवों में सक्रिय रहते हैं बजरी वाहन

बनास नदी क्षेत्र में बजरी माफिया लोडर मशीनों से खनन कर ट्रैक्टर-ट्रॉली में बजरी भरते हैं। कुछ वाहनों को दिन में गांवों में खड़ा कर दिया जाता है, जबकि नदी क्षेत्र के आसपास के गांवों में बजरी का स्टॉक तैयार किया जाता है। निर्देश मिलने पर रात में इन ट्रॉलियों को बांस की पुलिया नाके से पार कर तहसील मुख्यालय बौंली में संचालित बजरी स्टॉक पर पहुंचाया जाता है। यहां से कैंट्रा पिकअप और डंपर में भरकर बजरी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के माध्यम से अन्य जिलों में भेजा जा रहा है।

हादसे की आशंका

बागोर . मगरोप, बड़लियास ,सदर और जहाजपुर थाना  क्षेत्र में रात के समय दौड़ते इन अवैध बजरी के वाहनों से हादसे की आशंका बनी रहती है क्षेत्र में समीप बजरी के ढेर लगे हुए हैं। बनास नदी क्षेत्र के गांवों में दिनभर ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलीयों का आवागमन बना रहता है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। सुबह और दोपहर के समय स्कूल के बच्चों, वाहनों और आमजन को भी आवाजाही में परेशानी होती है और हादसे का डर बना रहता है।

खनिज  विभाग मूक दर्शक 

बजरी दोहन रोकने में पुलिस फिर भी कार्यवाही कर रही हे मगर खनिज विभाग तो मूक दर्शक बना हे 

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