अदभुद है जालेश्वर महादेव की प्राकृतिक छटा
आकोला (रमेश चंद्र डाड़ ) बरुन्दनी से मात्र 3 किमी दूर स्थित है प्राचीन जालेश्वर महादेव का धार्मिक स्थल । भगवान भोले नाथ की कृपा से यहाँ भीषण अकाल के समय भी जल की उपलब्धता रहती है और खास बात यह है कि वहाँ मात्र छोटा सा प्राकृतिक कुण्ड है । आवश्यकतानुसार जल भरे जाओ जल कम नही होता।
चहुँओर सुरम्य पहाड़ियों से घिरे जालेश्वर महादेव के यहाँ पहुँचना पहले आसान नही था। ऊँचे पर्वत से नीचे उतरना पड़ता था वह भी चट्टानों से हो कर । आने जाने के लिए श्रद्धालुओं ने सीढ़ियां बना ली जिससे उतरना चढ़ना आसान होने लगा।
कल कल बहते झरने और हरीतिमा से आच्छादित पहाड़ियाँ मन को प्रफुल्लित कर देती है। जालेश्वर महादेव के झरनों का पानी देवलिया बाँध में जाता है। जालेश्वर महादेव की पूजा अर्चना बरुन्दनी के नाथ बाबजी परिवार करते है। श्रावण माह में महादेव की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पण्डित अनुष्ठान करते है।वर्षा ऋतु में प्राकृतिक छटा निहारने के लिए भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते है।
जिला परिषद सदस्य रहे प्रदीप कुमार सिंह ने वर्ष 2005 से 2008 के मध्य विश्रान्ति गृह जालेश्वर महादेव में बनवाया। प्रदीप कुमार सिंह ने वर्ष 2008 से 2013 के मध्य विधायक रहते जालेश्वर महादेव के समीप पुल का निर्माण भी करवाया जिससे राह सुगम हुई।
वर्ष 2015 से 2020 के मध्य प्रधान घनश्याम कँवर ने पहाड़ी पर जाने के लिए सी सी रोड का निर्माण करवाया।