मोक्षदा एकादशी पर काशीपुरी धाम में भव्य श्री श्याम संकीर्तन, सुधीर के भजनों ने भक्तों को किया भाव-विभोर
भीलवाड़ा। पावन मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के अवसर पर काशीपुरी धाम स्थित श्री श्याम मंदिर में रविवार रात भव्य संगीतमय श्री श्याम संकीर्तन भजन संध्या का आयोजन हुआ। शहर भर से आए श्रद्धालुओं ने गहरी भक्ति के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सुमधुर भजनों से गूंज उठा मंदिर परिसर
भजन गायक सुधीर पारिक (भीलवाड़ा) ने जैसे ही ‘तेरी मैया को मैं भूल न पाऊँ गिरधर श्याम’, ‘मेरा अंबर भी श्याम तेरा, मेरा घर भी श्याम तेरा’, और ‘श्याम तेरा दीवाना… दर पे तेरे आना’ जैसे लोकप्रिय भजन प्रस्तुत किए, पूरा पंडाल भक्त-आवाज ‘श्याम…श्याम…’ से गूंज उठा। कई श्रद्धालुओं ने मोबाइल फ्लैशलाइट जलाकर वातावरण को भक्ति और प्रकाश से भर दिया।
विशेष महत्व और भव्य सजावट
अध्यक्ष सुरेश पोद्धार ने बताया कि मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व शास्त्रों में वर्णित है क्योंकि इसी दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। काशीपुरी धाम में हर वर्ष होने वाला यह संकीर्तन भक्तों के लिए अलौकिक अनुभव लेकर आता है। मंदिर प्रांगण को फूलों, दीपों और आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया, जिससे भक्ति-मय दृश्य निर्मित हुआ।
दिनभर चले धार्मिक कार्यक्रम
मोक्षदा एकादशी के दिन मंदिर में गीता पाठ, विष्णु पूजा, दीपदान और मंत्रजाप चलता रहा। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीश्याम के समक्ष अपनी मनोकामनाएँ व्यक्त की और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया। संकीर्तन के अंत में आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
समिति की सहभागिता
कार्यक्रम का सुंदर संचालन श्री श्याम सेवा समिति (रजि.) काशीपुरी धाम द्वारा किया गया। सभी पदाधिकारी और युवा भक्तजन संकीर्तन में सहयोगी बने और भक्तजन देर रात तक श्याम नाम में डूबे रहे।
