भीलवाड़ा: कम वेतन और बढ़ते काम के बोझ से परेशान टावर कर्मियों ने उठाई आवाज़, कलेक्टर से लगाई गुहार
भीलवाड़ा हलचल
जिले में मोबाइल कनेक्टिविटी को सुचारू रखने वाले टावर कर्मचारी अब अपनी बदहाल आर्थिक स्थिति और सुरक्षा को लेकर लामबंद हो गए हैं। रिलायंस जियो (Reliance Jio) के टावरों पर पावर मेंटेनेंस का काम देखने वाली फर्म GSP (महिंद्रा एंड महिंद्रा) के कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर वेतन वृद्धि और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग की है।
कर्मचारियों का आरोप है कि वे पिछले कई वर्षों से एक ही वेतन पर काम कर रहे हैं, जबकि महंगाई और काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है।
"समान काम का समान वेतन नहीं"
जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में तकनीशियनों (Technicians) और रिगर्स (Riggers) ने बताया कि कंपनी में 'समान काम के लिए समान वेतन' का नियम लागू नहीं है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 39 का उल्लंघन है। कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान वेतन में परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है।
कर्मचारियों की 12 सूत्रीय मांगें:
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने प्रशासन और कंपनी के सामने 12 प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
वेतन में बढ़ोतरी: तकनीशियन व रिगर का न्यूनतम वेतन ₹35,000 प्रतिमाह किया जाए और कन्वेंस (यात्रा भत्ता) अलग से मिले। साथ ही, हर साल वेतन में कम से कम 10% की वृद्धि हो।
50 लाख का बीमा: जोखिम भरे काम को देखते हुए कंपनी की तरफ से प्रत्येक कर्मचारी का ₹50 लाख का जीवन बीमा करवाया जाए।
जानलेवा काम पर रोक: सूर्यास्त (शाम 7 बजे) के बाद किसी भी रिगर को टावर पर चढ़ने के लिए बाध्य न किया जाए।
नाइट ड्यूटी में सुरक्षा: यदि रात में किसी टावर पर जाना हो, तो कंपनी चार पहिया वाहन (Four-wheeler) की व्यवस्था करे।
अतिरिक्त कार्य का पैसा: सोलर प्लेट और फील्ड की सफाई के लिए क्रमशः ₹1,000 और ₹3,000 प्रतिमाह अलग से दिया जाए।
ओवरटाइम: सुबह 9 से शाम 7 बजे के बाद काम करने पर ओवरटाइम दिया जाए।
बिजली विभाग का काम नहीं करेंगे तकनीशियन
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि तकनीशियन बिजली विभाग से सम्बंधित कोई भी काम नहीं करेंगे और अगर कंपनी करवाती है, तो उसका तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए। इसके अलावा, बिना एक माह के नोटिस के KPI के नाम पर वेतन काटने का भी विरोध किया गया है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो वे और अधिक कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।
