भागवत कथा में 23 को रासलीला,ब्रज होली होगी मुख्य आकर्षण

Update: 2024-07-22 14:27 GMT

भीलवाड़ा  श्री पुराना शहर माहेश्वरी सभा भीलवाड़ा के तत्वाधान बड़े मंदिर की बगीची में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के

पंचम दिवस की कथा में आचार्य शक्ति देव महाराज ने प्रभु  बाल कृष्ण की मधुर मधुर लीलाओं को श्रवण कराया कथा में बताया कि पूतना बड़ा सुंदर श्रृंगार करके कृष्ण को मारने के लिए आई। पूतना जब गोकुल में आई तो इतना सुंदर श्रृंगार करके आई की सभी बृजवासियों ने पूतना की ओर देखा लेकिन कृष्ण ने पूतना को देखते ही अपनी नेत्र बंद कर लिए पूतना को नहीं देखा ,हम और आप भी जब ठाकुर जी के दरबार में जावे या कोई भी सत्कर्म करें तो उसके पीछे कभी पूतना की तरह दिखावे का भाव ना रखें

क्योंकि आप गोविंदा के दरबार में जाएं तो महत्व इस बात का नहीं की ठाकुर जी को कितनों ने देखा महत्व इस बात का है कि ठाकुर जी ने कितनों को दिखा

कथा मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने जानकारी देते हुए बताया कि कथा में आज गिरिराज पूजन हुआ, विशाल छप्पन भोग की झांकी सजाई गई, इस अवसर पर गोबर से बनाए गए गोवर्धन भगवान कि पूजा का महत्व बताते हुए महाराज श्री ने बताया की गोवर्धन का मतलब होता है गो शब्द के कई अर्थ है गो यानी ज्ञान गो यानी गाय गो यानी इंद्रियां गो यानी भक्त गो यानी प्रकृति ,वर्धन यानी बढ़ाना या बढ़ावा देना अपने जीवन में इन सबको बढ़ावा दें इंद्रियों को बढ़ावा दें ठाकुर जी की सेवा में समाज सेवा में, गाय को बढ़ावा दें अपने हृदय में ज्ञान को बढ़ाएं अपने हृदय में भक्ति को बढ़ाएं और प्रकृति को बढ़ावा दें प्रकृति की रक्षा करें प्रकृति में जितने भी जीव जंतु हैं पशु पक्षी हैं उनके हितार्थ भी कुछ सेवा करें पक्षियों के लिए जगह-जगह जल की व्यवस्था करें अन्न की व्यवस्था करें ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए प्रकृति को नुकसान ना पहुंचाएं यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन के बड़े-बड़े संकट अपने आप कट जाएंगे और यही वास्तविक गोवर्धन पूजा है अगर आप इन सेवाओं को नहीं करते तो ब्रजमंडल में जाकर के कितनी भी गिरिराज जी की परिक्रमा करते रहो कोई फल मिलने वाला नहीं है इसलिए यदि गिरिराज जी की कृपा चाहते हो तो इन सभी सेवाओं से जुड़े रहें और सेवा ही जीवन का मूल धर्म है भागवत कथा में 23 जुलाई को रासलीला,उद्धव प्रसंग एवं ब्रज होली मुख्य आकर्षण होगा कथा के पूर्व भागवत जी की आरती में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माहेश्वरी समाज राधेश्याम सोमानी, जिला माहेश्वरी सभा के जिलाध्यक्ष अशोक बाहेती, रमेश राठी,प्रदीप बल्दवा, रामकिशन सोनी, सुशील मरोठिया, रामेश्वर तोषनीवाल ,राजेंद्र कचोलिया गोपाल नरानीवाल,गोपी किशन भुतडा, सुरेश पोरवाल, रूपलाल लाहोटी सहित सैकड़ोंजन उपस्थित थे

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