बड़ा घोटाला: अधिकारियों की मिलीभगत से गायब हुई नहर, भूखंड मालिक को पहुंचाया फायदा!

Update: 2025-06-07 11:40 GMT
बड़ा घोटाला: अधिकारियों की मिलीभगत से गायब हुई नहर, भूखंड मालिक को पहुंचाया फायदा!
  • whatsapp icon

भीलवाड़ा । भीलवाड़ा शहर के पास पुर रोड पर जिला परिवहन कार्यालय के सामने एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अधिकारियों ने मिलकर एक भूखंड मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए तीन हजार वर्गफीट जमीन से नहर ही गायब कर दी! सुनने में अटपटा लगता है,  लेकिन यही सच है।

दरअसल, मामला ये है कि नगर विकास न्यास (UIT) ने पहले जल संसाधन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण किया। उसके बाद, सिंचाई विभाग के कुछ अधिकारियों ने भी मिलीभगत कर नहर का रास्ता (alignment) बदलने की मंजूरी दे दी। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें किसका फायदा हुआ? तो पढ‍िए, इससे एक भूखंड मालिक को सीधा-सीधा फायदा पहुंचाया गया।

कैसे हुआ ये खेल?

जल संसाधन विभाग के अनुसार, UIT ने रामप्रसाद लढ़ा नगर में भूखंड संख्या एसईसी-3-1 आवंटित किया। इस भूखंड के एक किनारे से नहर गुजर रही थी। अब भूखंड मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए नहर का रास्ता बदल दिया गया और उसे भूखंड के बाहर से बना दिया गया। यानी, नहर को ही 'री-लोकेट' कर दिया गया!

जांच में लीपापोती की कोशिश?

इस पूरे मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। जब इस अतिक्रमण की जांच हुई, तो जल संसाधन खंड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता छोटूलाल कोली ने 22 और 30 मई 2024 को रिपोर्ट दी कि सिंचाई विभाग की नहर खसरा संख्या 7433 पर कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है। लेकिन विभाग के ही अन्य अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को गलत बताया और कहा कि कोली ने उच्च अधिकारियों और विभाग को गुमराह करने की कोशिश की है।

क्या होगा आगे?

अब देखना ये है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। क्या नहर को वापस अपनी जगह पर लाया जाएगा? क्या उन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी जिन्होंने इस घोटाले में साथ दिया? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, ये मामला भीलवाड़ा में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग हैरान हैं कि कैसे कुछ अधिकारियों ने मिलकर एक भूखंड मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए पूरी नहर को ही 'गायब' कर दिया!

Tags:    

Similar News