सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन

भीलवाड़ा । सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) संघर्ष समिति के बैनर तले, भीलवाड़ा के सीएचओ ने आज जिला कलेक्ट्रेट पर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। सीएचओ ने नारेबाज़ी की और धरना दिया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर जसमीत सिंह सिंधु को सौंपा।
संघर्ष समिति के सदस्य चांदमल रेगर ने बताया कि सीएचओ ग्रामीण इलाकों में आधारभूत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं। इसके बावजूद, सरकार और भीलवाड़ा सीएमएचओ उनके साथ अन्याय कर रहे हैं।
रेगर ने कहा कि मार्च 2022 में विभाग ने प्रदेश के लगभग सात हजार सीएचओ को राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स - 2022 के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर तैनात किया था। लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने मई 2023 में सीएचओ की जॉइनिंग दिनांक बदल दी, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है।
संघर्ष समिति की मुख्य मांग है कि उनकी जॉइनिंग सीएसआर में मार्च 2022 से ही मानी जाए और 5 वर्ष पूरे होने पर उन्हें स्क्रीनिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
संघर्ष समिति के एक अन्य सदस्य, कैलाश चंद्र मीणा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024 में जिले को इंक्रीमेंट और इंसेंटिव के लिए 5 करोड़ 60 लाख रुपये जारी हुए थे, लेकिन सीएमएचओ भीलवाड़ा ने ब्लॉक को सिर्फ 60 लाख रुपये ही वितरित किए। इससे जिले के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
कुलदीप सुवालका, संघर्ष समिति के एक और सदस्य ने बताया कि जिला कलेक्टर के साथ उनकी सकारात्मक वार्ता हुई है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि आगामी 15 दिनों में इंसेंटिव, इंक्रीमेंट और सैलरी के लिए पर्याप्त बजट ब्लॉक तक जारी कर दिया जाएगा। इसके अलावा, भीलवाड़ा सीएमएचओ द्वारा सीएसआर नियम - 2022 के अंतर्गत नियमित पदों पर स्क्रीनिंग की सूचना भी भेजी जाएगी।
धरना प्रदर्शन में सीमा जैन, आशीष रेगर, सुरेश कुमार मीणा, छोटु लाल रेगर, नीलेश सुवालका, दिनेश कुमार गुर्जर, मदन खटीक, शबीना बी पठान, राजेश नुवाल, धर्मीचंद रेगर, अमन शर्मा, कन्हैया लाल सालवी, ममता शर्मा, और दिनेश कुमार गुर्जर सहित कई सीएचओ शामिल थे।