भारतीय किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

Update: 2025-09-08 08:45 GMT

भीलवाड़ा। भारतीय किसान संघ राजस्थान प्रदेश ने किसानों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कृषि, सिंचाई, बिजली, सहकारिता, फसल बीमा, आपदा अनुदान, समर्थन मूल्य, फसल विपणन, राजस्व व उपनिवेशन आदि से संबंधित मांगें शामिल हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि फसलों की बढ़ती लागत, आपदाओं से फसल सुरक्षा की कमी, विपणन की कमजोर व्यवस्था और सिंचाई एवं विद्युत आपूर्ति की अनियमितता के चलते किसान निरंतर कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं।

लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार 1 मार्च 2021 को किसानों पर वाणिज्यिक, सहकारी व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल कर्ज 120979.21 करोड़ रुपये था, जो 30 जून 2022 तक बढ़कर 147578.62 करोड़ और 1 मार्च 2024 तक 174798 करोड़ रुपये हो गया। यह कर्ज 1 मार्च 2025 तक 187000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो किसानों की आर्थिक स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

भारतीय किसान संघ ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें ज्ञापन के माध्यम से उठाई हैं—

1. सभी कृषि उपकरणों और कृषि आदानों से टैक्स समाप्त किया जाए।

2. कृषि जिंसों के आयात-निर्यात के लिए स्थायी नीति बनाई जाए। जब तक बाजार भाव लाभकारी मूल्य से कम हो, तब तक आयात की अनुमति न दी जाए।

3. किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाए तथा जिन किसानों की योजना बंद हो गई है, उनके समाधान हेतु विशेष शिविर लगाए जाएं।

4. खेतों तक पहुंच के लिए ग्रामीण रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए एवं अतिक्रमण मुक्त कर उन्हें डामर या ग्रेवल से दुरुस्त किया जाए।

5. चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाकर नरेगा के माध्यम से गौ-अभयारण्य विकसित किए जाएं, गौशालाओं के लिए भूमि आवंटन की जाए।

6. गांवों में प्रत्येक घर में स्वच्छ जल की आपूर्ति की जाए तथा जहां लाइनें डाली जा चुकी हैं, उन्हें शीघ्र चालू किया जाए।

7. खरीफ सीजन में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का सही आकलन कर आपदा राहत दी जाए।

8. फसल बीमा योजना में बदलाव कर मिड सीजन सर्वे के आधार पर व्यक्तिगत बीमा क्लेम स्वीकृत किए जाएं।

9. आपदा राहत राशि को फसल लागत के अनुसार तय किया जाए।

10. प्रत्येक खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने हेतु ठोस योजना बनाई जाए।

11. गौ-पालन को बढ़ावा देने के लिए इसे भी अन्य पशुपालन योजनाओं की तरह सरकारी सहायता दी जाए।

12. ग्राम सहकारी समितियों पर समर्थन मूल्य पर फसल खरीद शुरू की जाए।

13. तिलहन और दलहन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद पर से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाया जाए।

14. फसल बुवाई हेतु आवश्यक खाद की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

15. लंबित आपदा राहत और फसल बीमा क्लेम का तत्काल भुगतान किया जाए।

16. राज्य सरकार द्वारा नवंबर 2024 से देय 5 रुपये प्रति किलो दूध की बकाया राशि तुरंत दी जाए और गाय के दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 100 रुपये प्रति लीटर किया जाए।

ज्ञापन में किसानों की स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से शीघ्र ठोस कदम उठाने की मांग की गई है ताकि कृषि व किसानों को राहत मिल सके और उनका जीवन यापन सुचारु रूप से चल सके।

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