सावरलाल की संदिग्ध मौत का मामला, दो पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, प्रशासन ने परिजनों को दी राहत,पांच दिनों का म‍िला आश्वासन

Update: 2025-09-16 13:37 GMT

भीलवाड़ा हलचल। शहर की पुलिस लाइन के निकट हुई सावरलाल की संदिग्ध मौत को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल से शुरू हुआ आक्रोश कलेक्ट्रेट तक पहुंचा, जहां समाज के लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई और परिजनों को मुआवजे की मांग की। दिनभर चले इस घटनाक्रम के बाद देर शाम को प्रशासन और पुलिस ने अहम निर्णय लेते हुए दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया और मृतक परिवार को आर्थिक सहायता व नौकरी देने की घोषणा की।

सुबह से उबाल पर रहा गुस्सा

मंगलवार सुबह एमजीएच की मोर्चरी के बाहर परिजन और समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हो गए।  इसके बाद लोगों ने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया।

पोस्टमार्टम से इनकार, मांगों पर अड़े परिजन

स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, मगर परिजन तब तक शव का पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हुए जब तक दोषियों पर कार्रवाई और परिवार को सहायता नहीं दी जाती। भीड़ में महिलाएं, युवा और समाज के वरिष्ठजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

कलेक्ट्रेट पर भी हुआ प्रदर्शन

दोपहर होते-होते आक्रोशित लोग कलेक्ट्रेट पहुंच गए और वहां भी नारेबाजी व धरना दिया। आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता की।

तीन मांगों पर बनी सहमति

लंबी बातचीत के बाद प्रशासन और समाज के बीच तीन अहम बिंदुओं पर सहमति बनी:

1. प्रतापनगर थाने के दीवान रमेश चौधरी और कांस्टेबल अविनाश को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया।

2. मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

3. मृतक के छोटे भाई को संविदा पर सरकारी नौकरी दी जाएगी, साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा।

पोस्टमार्टम के लिए परिजन हुए राजी

प्रशासन की ओर से लिए गए निर्णयों के बाद समाज के प्रतिनिधियों ने धरनास्थल पर मौजूद लोगों को समझाया। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गए। 

लाइन हाजिर हुए पुलिसकर्मी, जांच के आदेश

एसपी ने बताया कि मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए दीवान रमेश चौधरी और कांस्टेबल अविनाश को लाइन हाजिर कर दिया गया है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

समाज की एकजुटता रही निर्णायक

पूरे घटनाक्रम में सुखवाल समाज की एकजुटता और सक्रियता स्पष्ट रूप से सामने आई। समाज के वरिष्ठजनों ने प्रशासन से सख्ती से बातचीत की और परिजनों को भी शांतिपूर्ण समाधान की ओर प्रेरित किया।

अब सबकी निगाहें जांच पर

फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर राहत मिलने के बाद अब समाज और आमजन की निगाहें पुलिस विभाग की जांच पर टिकी हैं। देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या निष्कर्ष सामने आते हैं।


कलेक्टर के आदेश से रात में हुआ पोस्टमार्टम

प्रताप नगर पुलिस के अनुसार, सांवरलाल के शव का मंगलवार रात पोस्टमार्टम करवाया गया। पुलिस ने बताया कि परिजन, जिला कलेक्टर से रात में शव का पोस्टमार्टम करवाने की स्वीकृति लाये थे। इसी के चलते पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

जांच में 

इधर, दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिसमें सोमवार रात 10.14 बजे सांवर अकेला ही गायत्रीनगर स्थित घर से बाहर निकलते हुए और दूसरे में 10.34 बजे फोन पर बात करते हुए जाते नजर आ रहा है। दोनों फुटेज में उसके साथ कोई नहीं है।

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