भीलवाड़ा में किसानों को बड़ी राहत: जंगली जानवरों से फसल नुकसान अब फसल बीमा के दायरे में शामिल
भीलवाड़ा विजय गढ़वाल जिले में किसानों को लंबे समय से जंगली जानवरों, विशेषकर जंगली सूअर के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ रहा था। हर साल हजारों किसान अपनी तैयार फसलें जंगली सूअर के हमलों में गंवा देते थे। लेकिन यह नुकसान फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होने के कारण किसानों को कोई सहायता नहीं मिल पाती थी। अब केंद्र सरकार ने किसानों की इस बड़ी समस्या को समझते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
केंद्र सरकार ने किसानों की सुरक्षा और कृषि क्षेत्र की स्थिरता को ध्यान में रखते हुए जंगली जानवरों से होने वाले फसल नुकसान को स्थानीय कृत जोखिम श्रेणी के पांचवें ऐड ऑन कवर के रूप में शामिल किया है। इस फैसले से किसान पहली बार ऐसे नुकसान पर बीमा दावा कर सकेंगे, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।
भीलवाड़ा जिले के कई गांव प्रभावित
बनेड़ा, बागोर सहित कई गांव जंगली सूअरों के हमलों से लंबे समय से प्रभावित हैं। माताजी का खेड़ा निवासी सत्यनारायण माली ने बताया कि जंगली सूअरों ने उनकी पूरी मक्का फसल खराब कर दी, जिससे भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि अब बीमा व्यवस्था लागू होने से उन जैसे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और नुकसान की भरपाई की उम्मीद बनेगी।
क्लेम दर्ज करने की नई व्यवस्था
यदि किसी बीमित किसान की फसल को जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं, तो किसान 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर दावा दर्ज कर सकेगा। इसके लिए किसान को जियो टैग की हुई तस्वीरें अपलोड करनी होंगी। यह नई व्यवस्था क्लेम प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएगी और गलत दावों की संभावना कम करेगी।
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी
नई नीति के तहत राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगी और उन जंगली जानवरों की सूची जारी करेंगी जिनके कारण फसल नुकसान की घटनाएँ सामने आती हैं। इससे बीमा प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सकेगी और किसान तेजी से लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
किसानों के लिए बड़ा सहारा
सरकार के इस फैसले से उन लाखों किसानों को राहत मिलेगी जो हर साल जंगली जानवरों के कारण फसलें गंवाकर आर्थिक संकट में आ जाते हैं। फसल बीमा में यह नया प्रावधान किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इससे मजबूती मिलेगी।
