भीलवाड़ा । सरकारी स्कूल में घुसकर नाबालिग स्टूडेंट से छेड़छाड़ के मामले में भीलवाड़ा की पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए तीन साल के कठोर कारावास और 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है, जिससे साफ संदेश गया है कि स्कूल परिसरों में बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विशिष्ट लोक अभियोजक अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि 21 जुलाई 2022 को पीड़िता ने बदनौर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पीड़िता के अनुसार वह स्कूल के लंच टाइम में बाथरूम की ओर जा रही थी, तभी आरोपी स्कूल परिसर में घुस आया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। स्टूडेंट के चिल्लाने पर जब एक शिक्षक वहां आता दिखा तो आरोपी मौके से फरार हो गया।
पीड़िता ने अपने बयान में यह भी बताया कि आरोपी इससे पहले भी उसका पीछा कर चुका था, लेकिन डर और भय के कारण उसने इस बारे में किसी को नहीं बताया था। घटना के बाद परिजनों और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी गई।
मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने पीड़िता और गवाहों के बयान दर्ज किए, आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच पूरी कर छेड़छाड़ तथा पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट अदालत में पेश की। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 21 दस्तावेज और 9 गवाह पेश किए गए, जिनके आधार पर आरोप साबित हुए।
विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो-2 की न्यायाधीश अर्चना मिश्रा ने आरोपी को सरकारी स्कूल में नाबालिग स्टूडेंट से छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट का दोषी माना। कोर्ट ने उसे तीन साल का कठोर कारावास और 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई, साथ ही स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सख्ती जरूरी है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
