पड़ासोली में पंचायत की तारबंदी पर उठे फर्जी बिल लगाने के आरोप, RTI के बाद भी दस्तावेज नहीं मिले
भीलवाड़ा। आसींद क्षेत्र के पड़ासोली निवासी अशोक कुमावत ने पंचायत में कराए गए तारबंदी कार्यों के दस्तावेज सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगे थे। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें ये दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। कुमावत ने आरोप लगाया है कि पंचायत ने फर्जी बिल लगाकर भुगतान उठाया है।
अशोक कुमावत ने बताया कि वह लगातार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं और जयपुर में तीन बार पेशी पर भी जा चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
उन्होंने जानकारी दी कि करीब एक वर्ष पूर्व गांव के पास स्थित भेरूजी के स्थान पर युवाओं द्वारा लगभग 2 से 3 लाख रुपए की लागत से तारबंदी कराई गई थी। इस कार्य में पौधारोपण, गेट लगाना और मंदिर समिति का गठन शामिल था, जिसे युवाओं ने श्रमदान और आर्थिक सहयोग से पूरा किया। इसी दौरान उन्हें पता चला कि पास ही पंचायत द्वारा भी तारबंदी का कार्य कराया गया है।
युवाओं का आरोप है कि जब उन्होंने पंचायत द्वारा कराए गए तारबंदी कार्य के संबंध में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी (सचिव) से जानकारी मांगी, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसके बाद अशोक कुमावत ने RTI के तहत कार्य से संबंधित बिल, भुगतान विवरण और अन्य दस्तावेज मांगे, लेकिन पंचायत ने अब तक ये कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं।
अशोक कुमावत और स्थानीय युवाओं का आरोप है कि पंचायत ने फर्जी बिलों के आधार पर तारबंदी के नाम पर भुगतान उठा लिया है। उनका मानना है कि इसी कारण पंचायत दस्तावेज देने से बच रही है। उन्होंने कहा कि यदि भुगतान सही है, तो पंचायत को संबंधित कागजात सार्वजनिक करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
पीड़ित ने राज्य सरकार और संबंधित विभागों से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच से संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं, ताकि सच्चाई सामने आ सके और उन्हें न्याय मिल सके।
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