रक्षाबंधन में इन रंगों की राखी से बचें, भाइयों के जीवन में ला सकता है दुर्भाग्य

रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन या भाद्रपद मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें जीवनभर सुरक्षा देने का वचन देते हैं. परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि राखी का रंग भी भाई के जीवन में शुभ-अशुभ प्रभाव डाल सकता है.
काले रंग की राखी
शास्त्रों में काले रंग को तामसिक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. काला रंग राहु और शनि से जुड़ा होता है, जो बाधाओं, विवादों और मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है. इसलिए रक्षाबंधन पर काले रंग की राखी से परहेज करना चाहिए.

भूरी या धूसर रंग की राखी
भूरा और धूसर रंग स्थिरता का प्रतीक तो है, लेकिन त्योहारों में इसे अशुभ माना जाता है. यह रंग रिश्तों में ठहराव और ठंडापन ला सकता है. इसलिए इसे भी त्यागना बेहतर है.
फीका या मुरझाया रंग
राखी के रंग में चमक और ताजगी होनी चाहिए. फीके या मुरझाए रंग मनोबल और रिश्तों की ऊर्जा को कमजोर करते हैं. ऐसे रंग भाई की जिंदगी में नकारात्मकता ला सकते हैं.
कौन से रंग शुभ माने जाते हैं?
राखी के लिए पीला, लाल, नारंगी, हरा और गुलाबी रंग शुभ माने जाते हैं. ये रंग मंगल, सूर्य और शुक्र ग्रह से जुड़े होते हैं, जो ऊर्जा, सफलता, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक हैं.
राखी का रंग केवल सजावट के लिए नहीं होता, यह एक तरह की सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम है. सही रंग का चुनाव भाई के जीवन में सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. इसलिए इस रक्षाबंधन पर राखी बांधने से पहले उसके रंग का ध्यान जरूर रखें.