आसींद क्षेत्र के गांवों में तीन माह से चंबल का पानी बंद, ग्रामीणों में आक्रोश

Update: 2025-12-24 07:39 GMT

भीलवाड़ा। आसींद क्षेत्र के 8 से 10 गांवों को पिछले तीन महीनों से चंबल परियोजना का पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। खारी नदी में आई बाढ़ के दौरान प्रतापपुरा गांव के पास चंबल जलापूर्ति लाइन का लगभग 30 फीट लंबा पाइप टूट गया था। इसके बाद से अब तक पाइपलाइन की मरम्मत नहीं हो पाई है।

पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रतापपुरा सहित आसपास के गांवों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। प्रतापपुरा निवासी शंभू लाल गुर्जर ने बताया कि पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को मजबूरी में निजी टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है, जिस पर लगभग 1000 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। यह पाइपलाइन क्षेत्र के 8 से 10 गांवों को पेयजल आपूर्ति करती है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार प्रशासन और चंबल परियोजना विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हालात ऐसे हैं कि पास में खारी नदी बहने के बावजूद ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

इस पेयजल संकट से प्रतापपुरा, अजीतपुरा, पुराना प्रतापपुर सहित कई अन्य गांव प्रभावित हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द पाइपलाइन की मरम्मत कर नियमित जलापूर्ति बहाल करने की मांग की है। इस दौरान प्रकाश साहू, मोहन कुमावत, धनजी गुर्जर, शंभूलाल गुर्जर सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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