भीलवाड़ा में रिटायरमेंट पार्टी पर रोक के आदेश पर कर्मचारियों ने क‍िया विरोध, सौंपा ज्ञापन

Update: 2025-08-05 09:54 GMT

भीलवाड़ा । जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद ऑफिसों में रिटायरमेंट पार्टी पर रोक लग गई है। इस आदेश के बाद से कर्मचारियों में गहरा विरोध शुरू हो गया है। राजस्थान में यह आदेश चर्चा का विषय बन गया है। कर्मचारियों के संगठनों ने इसे वापस लेने की मांग की हैं।

31 जुलाई को जारी किए गए इस आदेश में कलेक्टर ने कार्यस्थलों पर रिटायरमेंट के मौके पर ढोल-नगाड़े बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया। उनका कहना है कि इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और कार्यकुशलता प्रभावित हो सकती है। कलेक्टर ने कहा कि यदि यह आदेश नहीं माना गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने इस आदेश पर निराशा जताई और कहा कि यह आदेश कर्मचारियों की भावनाओं के खिलाफ हैं। संघ के अध्यक्ष शंभू सिंह राठौड़ ने कहा, हम कर्मचारी हैं और हमें कलेक्टर के आदेशों का पालन करना होगा, लेकिन कलेक्‍टर को इस आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। 35 सााल तक सरकारी सेवाएं देने के बाद कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट एक खुशी का पल होता है। ढोल बजाना एक परंपरा है. और इस पर प्रतिबंध लगाने से कर्मचारियों की भावना को ठेस पहुंचती है।

इसके अलावा, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने भी इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा ने कलेक्टर के कार्यालय के बाहर ज्ञापन ल‍िये हुए कहा, हमारी भावनाओं को अब डेसिबल मीटर से मापा जाएगा क्या? 40 साल तक सरकार के लिए काम करने के बाद अगर कोई कर्मचारी ढोल बजाकर विदाई लेत है तो यह ध्वनि प्रदूषण कैसे हो सकता है? कर्मचारियों ने कलेक्टर से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है और कहा है कि यह उनकी अधिकारों का उल्लंघन है।

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