भीलवाड़ा में बारिश का कहर: मेजा बांध में 18.9 फिट ,5 इंच बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त,नदी नाले उफान पर ,शहर में जल भराव

Update: 2025-09-01 18:10 GMT

 

 


भीलवाड़ा, राजस्थान: भीलवाड़ा जिले में सोमवार को हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया। रविवार की आधी रात से शुरू हुई झमाझम बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही, जिससे पूरा शहर पानी में डूब गया। सड़कों और चौराहों पर जलभराव के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भीलवाड़ा में 125 मिलीमीटर (लगभग 5 इंच) बारिश दर्ज की गई, जिससे कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं और नदी-नाले उफान पर आ गए।



 

मेजा बांध का जल स्तर मंगलवार  सुबह 18.9 फिट हो गया और पानी की लगातार आवक जारी हे।




 


नदियों और बांधों का जलस्तर बढ़ा

भीलवाड़ा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश से नदियों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कोठारी नदी के उफान पर होने से मेजा बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा, अन्य नदी-नाले भी ओवरफ्लो हो रहे हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है। जिले के प्रमुख बांधों में बारिश का आंकड़ा कुछ इस प्रकार रहा:




 


सरेरी बांध: 157 मिलीमीटर

उम्मेदसागर-खारी बांध: 105 मिलीमीटर

मेजा बांध: 94 मिलीमीटर

बनेड़ा: 76 मिलीमीटर

आसींद: 72 मिलीमीटर

डाबला: 70 मिलीमीटर

शहर में जलभराव और जनजीवन पर असर

भारी बारिश के कारण शहर की सड़कें दरिया बन गईं। कई कॉलोनियों में पानी भर गया और बारिश रुकने के तीन घंटे बाद भी पानी की निकासी नहीं हो पाई, जिससे लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया। शहर के माणिक्य नगर में लगने वाली सुबह की सब्जी मंडी भी बारिश के कारण नहीं लग पाई। जिन लोगों को अपने रोजमर्रा के कामों के लिए बाहर निकलना था, उन्हें भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर असर

सोमवार को होने वाले सेवानिवृत्ति और अन्य कार्यक्रमों के लिए लगाए गए पंडालों में पानी भर गया। शहर में लगे गणेश पंडाल भी बारिश के पानी से भर गए, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा हुई। बच्चे बारिश में भीगते हुए अपने माता-पिता के साथ स्कूल जाने को मजबूर हुए, और कामकाजी लोग भीगते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचे।

प्रशासन की तैयारी और बचाव कार्य

भारी बारिश के बाद, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है। जलभराव वाले इलाकों में पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है और नदी-नालों के पास जाने से मना किया गया है। अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना को देखते हुए, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है।

भीलवाड़ा की भौगोलिक स्थिति और कमजोर ड्रेनेज सिस्टम के कारण थोड़ी सी भी ज्यादा बारिश शहर में जलभराव का कारण बन जाती है। इस बार की बारिश ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है और यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

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