साधना की मूल कुंजी है सामायिक : साध्वी कीर्तिलता
भीलवाड़ा । पर्युषण पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को अभिनव सामायिक दिवस मनाया। विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि सामायिक समता की शिखर साधना है। परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, कोई भी बात मन के प्रतिकूल हो, ऐसे में सामायिक की सिद्धि को सरोकार मिल जाता है। वे तेरापंथ नगर स्थित महाश्रमण सभागार से सामायिक से क्या मिलेगा? विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अड़तालीस मिनट की साधना वचन सिद्धि और अवधिज्ञान की झलक जैसी महान उपलब्धियों की सौगात मिलती है। लाखों टन सोना रोज एक लाख साल तक अनुदान दिया जाए तब भी सामायिक की तुलना असंभव है।
उन्होंने आगे कहा अध्यात्म जगत में विजय पाना है तो "मैं" को त्यागना होगा इस "मैं" ने बड़े-बड़े महाराजाओं को शहंशाहों को रसातल में धकेल दिया है व्यवहार के धरातल पर भी देखें तो "में में" मैकरने वाला बकरा मौत के घाट उतार दिया जाता है । जो अहमं को त्यागता है वही अर्हम बन सकता है । उन्होंने भगवान महावीर के सत्ताइस भागों का उल्लेख करते हुए कहा महावीर का जीव मरीचि के भव में थोड़े से अहंकार के कारण भव भ्रमण को बढ़ा देता है । आचार्य तुलसी द्वारा रचित समता का सागर आख्यान का वाचन करते हुए कहा कि श्री कृष्णा तीन खंड के अधिपति होने के बावजूद अपनी मां को प्रणाम करते थे । साध्वी श्रेष्ठ प्रभा ने सबको अभिनव सामायिक कराई। साध्वी पूनम प्रभा जी ने सामायिक को समता की साधना का महत्वपूर्ण साधन बताते हुए कहां ब्रह्म मुहूर्त में सामायिक करने से अमृत का श्राव निकलता है । साथ ही उन्होंने सामायिक किस दिशा में क्यों और कैसी करनी चाहिए इसके बारे में बताया । मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ टीपीएफ के सदस्यों द्वारा सुमधुर गीत के संगान से हुआ । तेयूप के तत्वावधान में अभिनव अंताक्षरी का सुंदर कार्यक्रम होगा । रात्रि कालीन कार्यक्रम में प्रश्न हमारे उत्तर आपके शानदार कार्यक्रम रहा । साथ ही साध्वीश्री जी की विशेष प्रेरणा से चंदनबाला के खूब तेले हुए ।
सभा मंत्री योगेश चंडालिया एवं तेयूप अध्यक्ष पीयूष रांका ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी ।