वोट नहीं देती है पर आप व हम वोट लेने जाते हैं तब गौमाता की जय बोलते हैं पर सरकार ने नहीं रखा ध्यान अशोक कोठारी

Update: 2024-07-24 15:03 GMT

भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने विधानसभा में मांग सं. 29, 37, 47 पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने  बजट में गौवंश को लेकर कोई बड़ी राहत नहीं दी गई। गौमाता वोट नहीं देती है पर आप व हम वोट लेने जाते हैं तब गौमाता की जय बोलते हैं। आप एक राजा हैं, राजा का दायित्व है कि राज्य की प्रजा के साथ पशु-पक्षियों का भी ध्यान रखा जाए। हम सभी को रोड पर खड़ी भूखी व प्यासी बेजुबान गौमाता की तरफ देखना चाहिए व सदन में उनकी आवाज बनना चाहिए। पूर्व की सरकारों ने गौसेस का पैसा दूसरी मदों में खर्च किया तथा इतना भी नहीं सोचा कि रूखा सूखा गौमाता को मिले। नंदी व गौमाता पूछ रहे हैं कि हमारी क्या गलती है जो हमें उपेक्षा झेलनी पड़ रही है। वर्तमान में बड़ी गौमाता पर 40 रु. व छोटी गौमामता पर 20 रु. का अनुदान दिया जा रहा है जो कि वास्तविक खर्च का आधा ही है। मेरा आपसे आग्रह है कि अनुदान को बढ़ाया जाए तथा गौशालाओं को जो 9 माह का अनुदान मिलता है उसे 12 माह किया जाये। साथ ही जिला कलक्टर को निर्देशित किया जाये कि ग्राम स्तर तक गौवंश का ध्यान रखा जाये।

वर्तमान में गौ तस्करी भी एक बहुत बड़ी समस्या है तथा तस्करों का गौवंशों को ले जाने का तरीका भी बहुत ही अमानवीय है। पशु मेले की आड़ में तस्करों द्वारा हजारों गौवंश को कत्लखाने भिजवाया जाता है। तस्करों के लिए सख्त नियम बनायें तथा अभी जिला व ब्लॉक स्तर पर नंदीशाला खोलने का कोई प्रावधान नहीं है इस कारण शहरों में निराश्रित गौवंश/नंदी की संख्या बढ़ती जा रही है। मेरा निवेदन है कि गौवंश की संख्या के अनुपात में स्थानीय निकायों द्वारा गौशालाएँ नंदीशालाएँ खोली जाएँ।

आज दुधारू पशु का तो सभी ध्यान रखते हैं तथा सरकार द्वारा बजट में पशु बीमे का प्रावधान किया है जो स्वागत योग्य है, लेकिन जो गौमाता आज सड़क पर भूखी प्यासी लाचार खड़ी है उस पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता है। मात्र 9 माह के अनुदान से गौशालाओं के संचालकों का गौशाला चलाना मुश्किल होता है। उनको गौशाला का रखरखाव व गौमाता के चारे के लिए समाज के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। अगर गौशालाओं को 12 माह का अनुदान दिया जाकर समय पर भुगतान मिलता रहे तो संचालकगण अधिक गौमाताएँ अपने यहाँ पालेंगे जिससे गौवंश सड़क पर नहीं के बराबर दिखाई देगा।सभापति जी, गौवंश पर मध्यप्रदेश सरकार की तरह अनुदान डबल तथा गौ तस्करों पर सख्त कानून बनाया जाये तो उसके परिणाम अच्छे आएंगे। हमको भी उनकी तर्ज पर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

 

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