भीलवाड़ा |रसधारा सांस्कृतिक संस्थान में दस दिवसीय ‘वॉयस एंड मूवमेंट थिएटर कार्यशाला’ का समापन हुआ। कार्यशाला में प्रतिभागियों को थिएटर अभिनय के महत्वपूर्ण पक्षों — बॉडी मूवमेंट, रिदम, वॉयस प्रोजेक्शन और वॉयस क्लैरिटी — का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया । रसधारा संस्थान के संस्थापक गोपाल जी आचार्य के मार्गदर्शन में कार्यशाला संपन्न हुई। जिसमे अनुराग सिंह राठौड़ एवं शिवांगी बैरवा प्रशिक्षक रहे।
संस्थान के सचिव रवि ओझा ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य नवोदित कलाकारों में मंचीय अभिव्यक्ति, शारीरिक भाव भंगिमा और संवाद की स्पष्टता को विकसित करना है, जिससे वे दर्शकों तक अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से पहुँचा सकें।
कार्यशाला के प्रारंभिक दिवस में प्रतिभागियों को विभिन्न शारीरिक व्यायामों और वॉयस एक्सरसाइज़ के माध्यम से शरीर और आवाज़ के तालमेल पर केंद्रित अभ्यास कराए गए। प्रशिक्षकों का कहना है कि थिएटर में केवल संवाद याद करना ही नहीं, बल्कि शरीर, आवाज़ और लय का संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
दस दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में शहर सहित आस-पास के क्षेत्रों से आए युवा कलाकार भाग ले रहे हैं।