सबसे सरल एवं उत्तम भक्ति प्रभु नाम सिमरन से होती है: शास्त्री

भीलवाड़ा। श्री गोपाल द्वारा मंदिर एवं सम्पति ट्रस्ट भीलवाड़ा की ओर से चातुर्मास कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसमे स्वामी कार्ष्णी ऋषिचेतन शास्त्री (रमण रेती वाले) के मुखाविंद से श्री शिव महापुराण, श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री रामकथा से की जायेगी। इसी के तहत श्रावण बुदी तीज, रविवार दि. 13 जुलाई से श्री शिव महापुराण कथा का आरम्भ किया गया जिसका विश्राम श्रावण सुदी पूर्णिमा, शनिवार 1 अगस्त को होगा। ट्रस्ट के केदार जागेटिया ने बताया की श्री गोपाल द्वारा मंदिर के पुजारी उदय लाल व्यास सिर पर श्री शिव महापुराण कथा की पोथी रखकर आए। व्यास पीठ पूजा-अर्चना अशोक काबरा, गोपाल जागेटिया रामनारायण बाहेती, कैलाश बाहेती, रामपाल राठी, कैलाश भदादा, सत्यनारायण तोतला, जगदीश लाहोटी ने की। उसके पश्चात कथा का शुभारम्भ किया गया। स्वामी कार्ष्णी ऋषिचेतन शास्त्री ने प्रथम दिन शिव पुराण पर प्रवचन दिया। उन्होने कहा की प्रभु भक्ति ही मोक्ष प्राप्ति का रास्ता है एवं सबसे सरल एवं उत्तम भक्ति प्रभु नाम सिमरन से होती है। अंत में गोपाल द्वारा मंदिर के पुजारी ने आरती की। उसके बाद प्रसाद वितरित किया गया। ट्रस्ट द्वारा सभी धर्म प्रेमी माताओं-बहनों व भाईयों से निवेदन किया की कथा श्रवण कर तन, मन, धन से सहयोग कर धर्म लाभ प्राप्त करें तथा अपने जीवन को सफल बनावें।