महंगाईः नवंबर में भी क्यों महंगा है टमाटर, गोभी के दाम क्यों नहीं हो रहे कम?

By :  vijay
Update: 2024-11-25 12:55 GMT

गोभी की कीमतें ज्यादा होने पर व्यापारियों ने बताया कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अब तक दिल्ली एनसीआर नजफगढ़, सोनीपत, अलीपुर और बख्तारपुर के बाजारों से गोभी की नई फसल आ जाती थी। लेकिन पिछले साल हुए अधिक नुकसान के कारण इस बार किसानों ने गोभी की कम फसल लगाई है।

 

नवंबर की शुरुआत में सब्जियों के दाम कम होने शुरू हुए थे, टमाटर 80 रुपये प्रति किलो से 30-40 रुपये के बीच आ गए थे, लेकिन अचानक ही टमाटर के दाम फिर महंगा होने लगा है। अब खुदरा बाजार में टमाटर का मूल्य 50 से 60 रुपये किलो हो गया है। इसी तरह इस सीजन की सबसे लोकप्रिय सब्जी गोभी भी 30 रुपये किलो से फिर उछल कर 60-70 रुपये प्रति किलो हो गई है। सब्जियों के दामों में कमी आने के बाद एक बार फिर से तेजी आने से लोग परेशान हैं।

क्यों महंगा हुआ टमाटर?

आजादपुर सब्जी मंडी में टमाटर के थोक विक्रेता विनोद चौहान ने अमर उजाला से कहा कि टमाटर के दामों में कई कारणों से तेजी बनी हुई है। इस समय शिवपुरी और रतलाम के टमाटर आ जाने से बाजार सामान्य हो जाता था, लेकिन बारिश हो जाने के कारण इन इलाकों की फसलें खराब हो गई हैं। इससे आवक बहुत कम हो गई है। ठंड के कारण फसलों को पकने में भी अधिक समय लग रहा है और बाजार तक उनकी पहुंच में समस्या हो रही है। यही कारण है कि टमाटर के दाम कम नहीं हो रहे हैं।

इस समय क्या रेट

आजादपुर सब्जी मंडी में इस समय हाइब्रिड टमाटर के रेट 40 से 45 रुपये प्रति किलो और देसी टमाटर के रेट 45-50 रुपये प्रति किलो है। खुदरा बाजार में आम उपभोक्ताओं तक यही टमाटर 50 रुपये से 60-70 रुपये तक में पहुंच रहा है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह हालात करीब एक महीने तक बना रह सकता है। नई फसल आने के बाद ही टमाटर की गर्मी शांत होगी।

गोभी महंगी क्यों?

आजादपुर सब्जी मंडी में शिमला गोभी समिति के चेयरमैन अनिल चौधरी ने कहा कि इस समय गोभी की कीमत बहुत कम हो जाती थी। गोभी की कीमतों में एक बार कमी हुई भी थी, लेकिन एक बार फिर यह 50-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अब तक दिल्ली एनसीआर नजफगढ़, सोनीपत, अलीपुर और बख्तारपुर के बाजारों से गोभी की नई फसल आ जाती थी। लेकिन पिछले साल हुए अधिक नुकसान के कारण इस बार किसानों ने गोभी की कम फसल लगाई है।

15 दिन तक राहत मिलने की संभावना नहीं

आगरा और कानपुर के क्षेत्रों में भी इस बार गोभी की कम पैदावार हुई है। इससे गोभी शुरुआती दौर में अधिक उपलब्ध होने के तुरंत बाद कम हो गई जिससे गोभी के दाम बढ़ गए। पुष्कर, राजस्थान के गोभी का समय भी लगभग खत्म होने के कगार पर आ गया है। नई फसल के आने में लगभग 15 दिन का समय लग सकता है। तब तक गोभी की कीमतों में कमी आने की कोई संभावना नहीं है।

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