Why ban on import of yellow peas? Supreme Court sought answer from the Center: पीली मटर के आयात पर क्यों लगाई रोक? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
भारत में दाल उत्पादन और किसानों की आजीविका से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. यह याचिका ‘किसान महापंचायत’ नामक संगठन की ओर से दाखिल की गई है.
किसानों पर संकट और आयात का प्रभाव
याचिका में कहा गया है कि सस्ती पीली मटर का आयात भारतीय दाल उत्पादक किसानों की आजीविका पर सीधा असर डाल रहा है. पीली मटर को तुअर, मूंग और उड़द जैसी दालों का विकल्प माना जाता है. वर्तमान में पीली मटर 35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध है, जबकि किसानों को अपनी दालों के लिए 85 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलता है. इस वजह से बाजार में दाल किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की चिंता: उपभोक्ता भी न हों प्रभावित
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि नोटिस तो जारी किया जाएगा, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इससे आम उपभोक्ता को परेशानी न हो. अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि यदि पीली मटर के आयात पर रोक लगती है, तो क्या देश में दालों की पर्याप्त आपूर्ति संभव है या नहीं.
नीति आयोग और मंत्रालय की राय
किसान संगठन की ओर से सर्वोच्च अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि कृषि मंत्रालय और नीति आयोग दोनों ही पीली मटर के आयात के खिलाफ राय दे चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सहित विशेषज्ञ निकायों से कई रिपोर्ट मिली हैं, जिनमें सरकार से पीली मटर का आयात न करने को कहा गया है, क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर भारतीय किसान प्रभावित होंगे.’’ उन्होंने कहा कि यह आयात भारतीय किसानों पर आर्थिक दबाव डालता है और देश में दाल उत्पादन को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए सरकार को स्थानीय उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.
स्वास्थ्य और सामाजिक पहलू
पीली मटर को लेकर स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी अदालत में उठी. भूषण ने कहा कि कुछ देशों में इसका इस्तेमाल मवेशियों के चारे के रूप में होता है और इसके सेवन से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों पर इस आयात का दबाव इतना बढ़ गया है कि बड़ी संख्या में आत्महत्या जैसी दुखद घटनाएं हो रही हैं.
केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है. अब सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने की क्या स्थिति है और उपभोक्ताओं तथा किसानों दोनों के हितों का संतुलन कैसे बनाया जाएगा.
