नई दिल्ली।
सोचिए… आप आराम से कार चला रहे हैं, टोल प्लाजा पर गए ही नहीं और अचानक मोबाइल पर मैसेज पिंग हुआ – “आपके FASTag से ₹120 काटे गए।”
अब हैरानी तो होगी ही!
ऐसा क्यों होता है?
दरअसल, FASTag तकनीक पूरी तरह नेटवर्क और मशीन पर निर्भर करती है। कभी-कभी स्कैनिंग एरर या सर्वर की गड़बड़ी से बिना गाड़ी गुजरे भी रकम कट सकती है।
तो अब करें क्या?
घबराने की बजाय, यह 3 आसान स्टेप्स अपनाइए:
🚦 कॉल कीजिए – FASTag का टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर डायल कर तुरंत शिकायत दर्ज कराइए।
🚦 ऑनलाइन रिपोर्ट कीजिए – जिस बैंक या प्रदाता से टैग लिया है, उनकी वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर "Complaint" सेक्शन मिलेगा।
🚦 धैर्य रखिए – शिकायत के बाद जांच होती है और 30 दिन तक का वक्त लग सकता है पैसे वापस आने में।
---
क्यों फायदेमंद है ये सिस्टम?
लाइन में खड़े होने का झंझट खत्म
नकद की टेंशन नहीं
सफर स्मूद और टाइम सेव
हाँ, बीच-बीच में ऐसी गड़बड़ियां होती हैं, लेकिन शिकायत की सुविधा और रिफंड प्रोसेस इसे भरोसेमंद बनाते हैं।
