सोने के दामों ने फिर तोड़े रिकॉर्ड: 10 ग्राम पर 1.13 लाख रुपये, एक साल में 43% की तेजी

Update: 2025-09-11 18:24 GMT


जयपुर,  : सोने ने गुरुवार को एक नया इतिहास रच दिया। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, 10 ग्राम सोने की कीमत 100 रुपये बढ़कर 1,13,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। इसी तरह, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 100 रुपये चढ़कर 1,12,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। यह तेजी वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं और घरेलू मांग के बीच आई है, जहां सोना सुरक्षित निवेश का प्रतीक बन चुका है।

यह रिकॉर्ड ऊंचाई 2025 में सोने की लगातार बढ़ती चमक को दर्शाती है। वर्ष की शुरुआत में 1 जनवरी 2025 को 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 78,950 रुपये थी, जो अब तक 34,150 रुपये यानी लगभग 43% बढ़ चुकी है। एक साल पहले, 31 दिसंबर 2024 को कीमत 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो वर्तमान स्तर से 34,150 रुपये अधिक है। यह वृद्धि न केवल मुद्रास्फीति के डर से उपजी है, बल्कि वैश्विक आर्थिक मंदी, अमेरिकी विकास की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनावों ने भी सोने को आकर्षक बनाया है।

भारतीय बाजार में सोने की मांग हमेशा मजबूत रही है, खासकर त्योहारों और शादियों के मौसम में। लेकिन इस बार की तेजी वैश्विक कारकों से प्रेरित है। ऑगमॉन्ट रिसर्च की हेड रेनिशा चैनानी ने कहा, "सोने के दाम ऑल-टाइम हाई पर इसलिए पहुंचे क्योंकि बाजार में रिस्क लगातार बढ़ रहे हैं। महंगाई की चिंता, बढ़ता पब्लिक डेट (ऋण) और अमेरिकी ग्रोथ की कमजोरी जैसे फैक्टर इसका बड़ा कारण हैं। एशिया में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में भारी निवेश ने भी सोने को ऊपर धकेला है।"

वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत डॉलर प्रति औंस में 3,674.60 डॉलर पर पहुंच गई है, जो पिछले दिन के 3,682 डॉलर से थोड़ी नीचे है, लेकिन साल भर में 35% से अधिक की वृद्धि दर्ज कर चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती (सितंबर 2025 में 25 बेसिस पॉइंट्स की उम्मीद) ने सोने को और मजबूत किया है। निचली ब्याज दरें सोने को आकर्षक बनाती हैं, क्योंकि यह कोई ब्याज नहीं देता लेकिन मुद्रास्फीति के खिलाफ हेज के रूप में काम करता है।

इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी (ट्रंप प्रशासन की नीतियों से 11% गिरावट) ने विदेशी निवेशकों के लिए सोने को सस्ता बना दिया है। केंद्रीय बैंक भी सोना खरीदने में सक्रिय हैं; भारत, चीन, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों ने अपने रिजर्व में सोना बढ़ाया है। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जबकि जे.पी. मॉर्गन 4,000 डॉलर तक का अनुमान लगा रहा है।

भारत में सोने की कीमतें शहरों के अनुसार थोड़ी भिन्न हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,10,660 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि बैंगलोर में 1,10,510 रुपये। लेकिन कुल मिलाकर, बाजार में तेजी का रुझान बरकरार है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लंबी अवधि के निवेशक अभी भी सोने पर दांव लगा सकते हैं, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से सावधान रहें। यदि फेड की दर कटौती होती है, तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं, लेकिन मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़े (जैसे नॉन-फार्म पेरोल) दबाव डाल सकते हैं।

सोना न केवल निवेश का साधन है, बल्कि भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी। इस रिकॉर्ड ब्रेक के बीच, उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि खरीदारी से पहले स्थानीय ज्वैलर्स से सत्यापित दरें जांचें, क्योंकि जीएसटी, टीसीएस और मेकिंग चार्ज अतिरिक्त लागू होते हैं। यदि आप सोने में निवेश सोच रहे हैं, तो ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों पर विचार करें, जो जोखिम को कम करते हैं।

कुल मिलाकर, सोने की यह तेजी वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितताओं का आईना है। निवेशक सतर्क रहें, क्योंकि बाजार में कोई गारंटी नहीं होती।

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