हरिद्वार में तीन माह तक चलेगा अर्धकुंभ, पहली बार चार अमृत स्नान; तिथियां घोषित
हरिद्वार। वर्ष 2027 में होने वाला अर्धकुंभ इस बार कई नई परंपराओं का सूत्रपात करेगा। पहली बार अर्धकुंभ में चार अमृत स्नान शामिल किए गए हैं। साथ ही मेले की अवधि को बढ़ाकर पूरा तीन महीने कर दिया गया है। शुक्रवार को डामकोठी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की बैठक में इन महत्वपूर्ण घोषणाओं पर मुहर लगी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार के कुंभ से पूरे देश को उम्मीदें हैं और यह आयोजन दिव्य एवं भव्य रूप में होना चाहिए। उन्होंने तैयारियों का शंखनाद करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने संत समाज को आश्वस्त किया कि उनके सभी सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाएगा और मेला प्रत्येक दृष्टि से व्यवस्थित, सुरक्षित और भव्य बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अर्धकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2027—मकर संक्रांति से हो
🕉 प्रमुख पर्व स्नान
14 जनवरी 2027 — मकर संक्रांति
6 फरवरी 2027 — मौनी अमावस्या
11 फरवरी 2027 — बसंत पंचमी
20 फरवरी 2027 — माघ पूर्णिमा
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🌟 पहली बार — चार अमृत स्नान
अखाड़ों में सहमति के बाद तय किए गए चार ऐतिहासिक अमृत स्नान:
1. 6 मार्च 2027 — महाशिवरात्रि
2. 8 मार्च 2027 — सोमवती / फाल्गुन अमावस्या
3. 14 अप्रैल 2027 — मेष संक्रांति / वैशाखी
4. 20 अप्रैल 2027 — चैत्र पूर्णिमा
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अन्य प्रमुख धार्मिक तिथियां
7 अप्रैल — नव संवत्सर
15 अप्रैल — राम नवमी
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अखाड़ा परिषद और संत समाज ने नई तिथियों का स्वागत किया है। सरकार ने सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं, आवास व्यवस्था और डिजिटल सुविधाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
अर्धकुंभ 2027 को हरिद्वार के इतिहास का अब तक का सबसे विशेष और व्यापक आयोजन माना जा रहा है।
