शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह बड़ी अफरा तफरी मच गई जब ग्वालियर से वाराणसी जा रही बुंदेलखंड एक्सप्रेस के आखिरी जनरल कोच से अचानक धुआं उठने लगा। सुबह करीब साढ़े छह बजे जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची, कोच के अंदर से यात्रियों की चीखें सुनाई देने लगीं। लोग यह समझकर घबरा गए कि कहीं बड़ा हादसा न हो गया हो। कई यात्री दरवाजों की ओर भागे तो कुछ अपने बैग छोड़कर नीचे कूद गए।
धुआं गार्ड के डिब्बे से लगे हुए जनरल कोच से निकल रहा था। सबसे पहले स्थिति को संभालने के लिए गार्ड ने हिम्मत दिखाई। वे दौड़कर कोच में पहुंचे और तुरंत फायर एक्सटिंग्विशर से कूड़ेदान में उठ रही आग को बुझाना शुरू किया। कुछ ही क्षण में धुआं काबू में आ गया और माहौल शांत होने लगा। स्टेशन मास्टर प्रकाश चंद्र झा, आरपीएफ और जीआरपी के जवानों के साथ इलेक्ट्रिक विभाग के कर्मचारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे।कोच की पूरी जांच की गई। पंखे और लाइटें सही काम कर रहे थे और वायरिंग में किसी शॉर्ट सर्किट के निशान नहीं मिले। बाद में कूड़ेदान खोला गया तो उसमें से जली हुई बीड़ी मिली। अधिकारियों के अनुसार किसी यात्री ने बीड़ी या सिगरेट पीकर उसे जलती अवस्था में ही कूड़े में फेंक दिया था, जिससे कागज और प्लास्टिक धीरे धीरे सुलगने लगे और कोच में धुआं फैल गया। समय रहते गार्ड और रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता ने स्थिति को गंभीर होने से बचा लिया।यात्रियों को उस कोच से सुरक्षित बाहर निकाल कर दूसरे डिब्बे में बैठाया गया। घटना के कारण बुंदेलखंड एक्सप्रेस को शंकरगढ़ से करीब सत्रह मिनट की देरी से रवाना किया गया।उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेन में किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट नहीं पाया गया। पूरा मामला यात्री की लापरवाही का परिणाम था। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि ट्रेन में धूम्रपान न करें, यदि कोई ऐसा करे तो तुरंत नंबर 139 या रनिंग स्टाफ को इसकी सूचना दें और जलती हुई किसी भी वस्तु को कूड़ेदान में न फेंकें।