सावन में शिव सहस्रनाम स्तोत्र का जाप करने से क्या फल मिलता है?

By :  vijay
Update: 2025-07-09 19:10 GMT
सावन में शिव सहस्रनाम स्तोत्र का जाप करने से क्या फल मिलता है?
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 श्रावण मास, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में एक माना जाता है, भगवान शिव की उपासना का बहुत ही शुभ काल होता है. इस दौरान भोलेनाथ की आराधना, व्रत, जलाभिषेक और जाप विशेष फलदायी माने जाते हैं. इन्हीं में से एक है शिव सहस्रनाम का जाप. धार्मिक मान्यता है कि सावन महीने में अगर श्रद्धा भाव से शिव सहस्रनाम का पाठ किया जाए, तो जीवन की समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं सावन में शिव सहस्रनाम जाप करने के क्या लाभ हैं और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं क्या हैं.

शिव सहस्रनाम क्या है?

शिव सहस्रनाम, भगवान शिव के 1000 नामों का संग्रह है. यह हिंदू धर्म के एक पवित्र ग्रंथ, शिव पुराण का हिस्सा है और भगवान शिव की स्तुति में पढ़ा जाता है. ये नाम उनके विभिन्न गुणों, रूपों और शक्तियों का वर्णन करते हैं. इन नामों का जाप करने से व्यक्ति भगवान शिव के विभिन्न पहलुओं से जुड़ता है और उनकी कृपा प्राप्त करता है..

महाभारत में वर्णित शिव सहस्रनाम: यह भीष्म पर्व में पाया जाता है और युधिष्ठिर द्वारा भगवान शिव के गुणों का वर्णन करता है.

पद्म पुराण में वर्णित शिव सहस्रनाम: यह भगवान शिव के विभिन्न लीलाओं और महिमाओं का वर्णन करता है.

दोनों ही सहस्रनाम बहुत ही पवित्र माने जाते हैं और इनका जाप करने से समान रूप से फल मिलता है.

सावन में शिव सहस्रनाम जाप का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. इस दौरान शिवजी पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.ऐसे में शिव सहस्रनाम का जाप करना कई गुना अधिक फलदायी हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में शिव सहस्रनाम का नियमित जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. चाहे वह धन, स्वास्थ्य, विवाह, संतान या किसी भी सांसारिक इच्छा से संबंधित हो. यह जाप व्यक्ति के जाने-अनजाने में किए गए सभी पापों का नाश करता है. जीवन में आने वाली बाधाओं, दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.

यह जाप न केवल सांसारिक सुख प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है . कुंडली में किसी भी प्रकार के ग्रह दोष को शांत करने में भी यह जाप सहायक होता है. विशेष रूप से शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए इसका जाप बहुत ही प्रभावी माना जाता है. शिव सहस्रनाम का जाप करने से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह नकारात्मकता को दूर कर शांति और समृद्धि लाता है.

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