महिलाएं ही नहीं पुरुषों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, डॉक्टर ने बताए इसके ये लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर को हमेशा महिलाओं से ही जोड़कर देखा जाता है, और यही माना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ और सिर्फ महिलाओं में ही होता है लेकिन ये सच नहीं है. अन्य कैंसरों की ही तरह ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकता है. हालांकि ये कैंसर पुरुषों में दुर्लभ होता है यानी पुरुषों में इसके मामले कम ही देखे जाते हैं पर ये कैंसर पुरुषों को भी प्रभावित करता है. दरअसल, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का पता काफी लेट स्टेज में चलता है क्योंकि अक्सर पुरुष इसके लिए कोई स्क्रीनिंग नहीं करवाते साथ ही इसकी दर पुरुषों में कम पाई जाती है जिसकी वजह से पुरुष इस कैंसर से बेखबर रहते हैं. लेट स्टेज में पता लगने से इस कैंसर का इलाज पुरुषों में करना मुश्किल हो जाता है.
कैसे होता है पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर
कैंसर विशेषज्ञ डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि कैंसर का निर्माण जब होता है जब किसी जगह की कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ने लगती है. जब ये कोशिकाएं ब्रेस्ट में विकसित होती है तो इसे ब्रेस्ट कैंसर का नाम दिया जाता है. पुरुषों में भी ब्रेस्ट की जगह जब कोशिकाएं अनियमित होकर बढ़ती है तो ब्रेस्ट कैंसर बनता है, ये कैंसर पुरुषों के ब्रेस्ट के आसपास के टिश्यूज में बनता है. हालांकि पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले कम ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं यही कारण है कि पुरुषों को ये कैंसर कम होता है. फिर भी कुछ मामलों में कुछ पुरुषों की ब्रेस्ट के आसपास ये कोशिकाएं विकसित हो जाती है. पुरुषों में ये कैंसर काफी लेट उम्र में विकसित होता है.
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण
– ज्यादातर कैंसरों की तरह ही ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ती उम्र में ज्यादा रहता है, जो काफी लेट उम्र में पुरुषों में हो सकता है.
– कुछ जीन्स में वंशानुगत म्यूटेशन के कारण भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होता है.
– पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लिए जेनेटिक कारण भी जिम्मेदार हैं, अगर आपके परिवार में इस कैंसर का इतिहास रहा हो तो आपको इस कैंसर के होने के चांसेज बढ़ जाते हैं.
– लिवर सिरोसिस की स्थिति में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने के कारण भी पुरुषों में इस कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है.
– शराब का अत्याधिक सेवन भी पुरुषों में इस कैंसर का कारण बन सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
– ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट के आसपास दर्द रहित गांठ बन जाती है जो अक्सर निप्पल के आसपास ही होती है.
– इसकी वजह से निप्पल में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं, जैसे निप्पल का लाल होना, निप्पल पर पपड़ी बनना और निप्पल से किसी लिक्विड का डिस्चार्ज होना.
– निप्पल के आसपास दाने या घाव होना भी इसकी निशानी है.
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कैसे करें
– शराब का सेवन कम करने से हार्मोंस संतुलित रहते हैं जिससे कैंसर का रिस्क कम होता है.
– शरीर पर जमी एक्स्ट्रा चर्बी हटाने से एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है जो इसके रिस्क को भी कम करता है.
– समय समय पर शारीरिक जांच की मदद से भी इसका पता समय रहते लगाने में मदद मिलती है.