हार्ट, डायबिटीज और कैंसर तक के लिए कैसे जिम्मेदार है मोटापा, एक्सपर्ट से जानें

By :  vijay
Update: 2025-01-31 21:10 GMT

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लाइफस्टाइल और खानपान में आए बदलावों के चलते ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं. इसमें कम उम्र के लोग भी शामिल हैं. भारत में अनहेल्दी डाइट और खराब दिनचर्या के कारण यह समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फिट इंडिया मूवमेंट के माध्यम से लोगों को कम से कम तेल इस्तेमाल करने की अपील की है. उत्तराखंड में प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारे देश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है. देश का हर एज ग्रुप और युवा इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. मोटापे की वजह से हार्ट की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ रहा है.

आज मैं देशवासियों से दो चीजों पर फोकस करने का आग्रह करता हूं, एक एक्सरसाइज और दूसरा डाइट है. हर दिन, थोड़ा सा समय निकालकर एक्सरसाइज जरूर करें और दूसरा खाना न्यूट्रिशन और पौष्टिक लें. अगर अपने खाने में हर दिन 10 फीसदी तेल की मात्रा कम कर देते हैं तो हम बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं. ये छोटे-छोटे कदम से हम अपने हेल्थ को ठीक रख सकते हैं. एक स्वस्थ तन ही, स्वस्थ मन और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद खाने में अधिक तेल के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के बारे में चर्चा शुरू हो गई है. आइए जानते हैं कि खाने में अधिक तेल से कौन-कौन सी बीमारियां हो रही हैं.

कई घरों में अधिक तेल खाना ट्रेंड बना

आज अधिकांश घरों में अधिक तेल-मसालों का इस्तेमाल एक ट्रेंड बना हुआ है.आसपास में लोग चर्चा करते हैं कि पड़ोसी के घर में हर महीने तेल की खपत 5 से 6 लीटर की है, उनके यहां सब्जियों में मसाले भी अधिक डाले जाते हैं. लोगों को लगता है कि ज्यादा तेल-मसाला खाना हाई स्टैंडर्ड का पैमाना है, लेकिन वो यह नहीं जानते कि इन्हीं तेल-मसालों की वजह से आज वो कई बीमारियां की चपेट में आ रहे हैं. इसमें हार्ट डिसीस, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और फैटी लिवर जैसी बीमारियां शामिल हैं.

क्या कहते हैं डॉक्टर

दिल्ली के राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ अजीत कुमार कहते हैं कि खाने में तेल का अधिक इस्तेमाल कई बीमारियों का कारण बन सकता है. तेल के ज्यादा इस्तेमाल से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो हार्ट डिजीज का कारण हो सकता है. तेल के अधिक इस्तेमाल से कैलोरी भी बढ़ सकता है, जो मोटापे का कारण बन सकता है. अधिक तेल खाने से फैटी लिवर जैसी समस्या भी पैदा हो सकती है. लोगों को अपने खानपान में तेल का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए.

सेहत के लिए अच्छा नहीं है अधिक तेल खाना

अधिक मात्रा में तेल का सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. अधिक तेल खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल कम होता है. इससे हार्ट में ब्लॉकेज और हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है. इसके साथ ही कैंसर, मधुमेह और मोटापा से होने वाली बीमारियां शुरू होने लगती है.

साल दर साल बढ़ रही तेल की खपत

भारत में तेल की खपत साल दर साल बढ़ती जा रही है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक, साल भर में एक व्यक्ति को 10.585 किलो तेल खाना चाहिए, हर साल यह खपत बढ़ती जा रही है. 2010-11 में भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष तेल की खपत 14.2 किलो थी. जो 2019-20 में यह बढ़कर 19.80 किलो प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष पहंच गई है. यानी पांच दशक में भारत में खाने के तेल की खपत 5 गुना बढ़ गई है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट की मानें तो तेल की अधिक खपत लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है. वह मोटापे और दिल की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

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