जानें कौन हैं आपके सच्चे शुभचिंतक? जया किशोरी के विचार आपको सोचने पर कर देंगे मजबूर
प्रसिद्ध कथा वाचिका जया किशोरी अपने प्रेरणादायक विचारों के लिए जानी जाती हैं. हाल ही में उनका एक कथन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने शुभचिंतकों की असली पहचान के बारे में गहरी बात कही है.उनके अनुसार, “मेरे शुभचिंतक बहुत हैं, लेकिन जैसे ही मेरा शुभ होता है, उन्हें चिंता होने लगती है.” यह विचार हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे आस-पास जो लोग हमारी भलाई का दिखावा करते हैं, क्या वे वास्तव में हमारे सच्चे हितैषी हैं?
सच्चे और दिखावटी शुभचिंतकों में अंतर
बहुत से लोग अपने शब्दों से यह जताने की कोशिश करते हैं कि वे हमारी भलाई चाहते हैं, लेकिन जब हमारी उन्नति होने लगती है, तो वे ही लोग जलन या ईर्ष्या महसूस करने लगते हैं. ऐसे लोग नकारात्मकता फैलाकर हमें हमारे लक्ष्य से भटकाने का प्रयास करते हैं. जया किशोरी के इस कथन से यही संदेश मिलता है कि हमें अपने आसपास के लोगों की सही पहचान करनी चाहिए.
कैसे पहचानें असली शुभचिंतक?
वे आपकी सफलता पर ईमानदारी से खुश होते हैं.
वे मुश्किल समय में आपका साथ नहीं छोड़ते.
वे आपके भले के लिए सच्चे सुझाव देते हैं, न कि सिर्फ खुशामद करते हैं.
जया किशोरी का यह संदेश हमें यह समझने में मदद करता है कि असली शुभचिंतक वही होते हैं, जो हर परिस्थिति में आपके साथ खड़े रहते हैं, न कि वे जो केवल अपने स्वार्थ के लिए आपके आसपास बने रहते हैं.