बच्चों की कैसी होनी चाहिए दिनचर्या ? प्रेमानंद जी महाराज ने कही ये बातें

By :  vijay
Update: 2025-01-30 00:30 GMT

किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए और एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए सही दिनचर्या का पालन करना बहुत जरुरी है. इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही ऐसी दिनचर्या का पालन करना सीखना चाहिए. प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सत्संग के दौरान बच्चों की दिचर्या कैसी होनी चाहिए इस पर विस्तृत जानकारी दी. आइये हम आपको बताएंगे की प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार आपके बच्चों की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए.

ब्रह्ममुहूर्त में उठे

 प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार ब्रह्ममुहूर्त में उठना सबसे लाभकारी होता है. सुबह उठने के बाद सबसे पहले भगवान का नाम लें धरती को नमन करें और अपने से बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करें. इसके बाद रात का रखा हुआ पानी पियें और थोड़ी देर के लिए टहलें. फिर स्नान करने के बाद 30 मिनट का समय योगासन और प्राणायाम करें. जिसमें सूर्य नमस्कार और अनुलोम-विलोम को शामिल किया जा सकता है. इसके बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए बैठाना चाहिए और जो पहले पढ़ाया गया है उसका रिविजन करना चाहिए. इस समय वातावरण बहुत शांत और शुद्ध होता है जिससे बच्चों को पढ़ाई अच्छी तरह से याद रहती है और उनकी एकाग्रता बढ़ती है.

ऐसा हो आहार

 प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि बच्चों को पिज्जा, सैंडविच, चाउमीन जैसी चीजें नहीं खिलानी चाहिए. ऐसे भोजन आंतों को कमजोर करते हैं और बुद्धि भी खराब करते हैं. इसलिए बच्चों के आहार में घर की पौष्टिक चीजें को ही शामिल करें.

रात्रि में प्रार्थना करें

रात्रि में 10 बजे बच्चों को सोने के लिए सबसे उपयुक्त समय है. सोने से पहले भगवान का नाम लेने से मानसिक शांति मिलती है. प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार रात्रि में भगवान का नाम लेकर सोने से बच्चों को अच्छे सपने आते हैं और उनका मन शांत रहता है,जो उनके अंदरूनी विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

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