भारत में ऐसे शुरू हुआ सूट पहनने का चलन, आज भी फेमस हैं ये डिजाइंस
आमतौर पर अक्सर महिलाओं के फैशनेबल कपड़ों की बात की जाती है, लेकिन जब भी पुरुषों की बात होती है तो हमें ऑप्शन कम समझ में आते हैं. हालांकि, सूट एक ऐसी ड्रेस है, जोकि पुरुषों के लिए सदाबहार है. चाहे किसी पार्टी में जाना हो या फिर ऑफिस में फॉर्मल्स कैरी करना हो, पुरुषों की पहली पसंद सूट ही होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सूट का इवोल्यूशन कैसे हुआ और भारत में इसका ट्रेंड कहां से आया.
इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे कि सूट कितने टाइप के होते हैं. बता दें कि सूट मेल फैशन हिस्ट्री में बहुत ही आइकोनिक ड्रेस है, जिसे सदियों से पुरुष पहनते आ रहे हैं. हालांकि, समय के साथ सूट में बहुत तरह के बदलाव भी आए हैं. लेकिन आज की डेट में सूट पुरुषों की पहली पसंद बन गए हैं. अगर भारत की बात करें तो ब्रिटिश राज से अब तक सूट की डिजाइन और स्टाइलिंग में बहुत बदलाव आये हैं.
किसने किया सूट को रीस्टाइल?
पश्चिमी देशों में सूट बहुत ही कॉमन ड्रेस है, जिसे हर दूसरा पुरुष आपको कैरी किये हुए दिख जाएगा. लगभग चार सौ सालों से मैचिंग कोट, ट्राउजर्स और वेस्ट कोट फैशन में आ-जा रहे हैं. वैसे तो सूट फ्रेंच रेवोलुशन के दौरान भी पुरुष द्वारा पहने जाते थे, लेकिन 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश नागरिक ब्यू ब्रुमेल को मॉडर्न सूट स्टाइल का श्रेय दिया जाता है. ब्यू ब्रुमेल को ब्रिटिश पुरुषों के फैशन स्टेटमेंट में बदलाव लाने का श्रेय भी जाता है.
ब्यू ब्रुमेल जिस तरह के सूट स्टाइल करते थे उनकी शैली पहले आए सूट्स से काफी अलग थी. कुल मिलाकर ब्रुमेल के प्रभाव ने पुरुषों के कपड़ों के आधुनिक युग की शुरुआत की जिसमें अब मॉडर्न सूट जैकेट, फुल लेंथ पैंट और नेकटाई शामिल हैं. ऐसे में जब ब्रिटेन में मॉडर्न सूट्स का चलन बढ़ा तो इंडिया में भी ब्रिटिस हुकूमत की वजह से इसका ट्रेंड बढ़ने लगा.
भारत में कैसे शुरू हुआ सूट का ट्रेंड?
भारत में सूट का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता, ब्रिटिश राज और देश की आजादी सहित कई कारकों से प्रभावित रहा है. सिंधु घाटी सभ्यता से ही पुरुष तरह-तरह के कपड़े पहनते थे. हालांकि, 19वीं शताब्दी में भारत में ब्रिटिश राज ने भारतीय पुरुषों के पहनावे पर एक अलग असर डाला. देश में एक तबका ऐसा था जोकि सबसे पहले वेस्टर्न ड्रेसेस के संपर्क में आया. ये वो ही समय था जब लोग इंडो-वेस्टर्न कपड़े भी कैरी करने लगे.
देश में ब्रिटिश राज के साथ वेस्टर्न ड्रेसेस का चलन काफी बढ़ गया. हालांकि, इससे पहले लोग सूट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते थे, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत में भारत ने फैशन में कई बड़े बदलाव् देखे. 19वीं सदी में देश में न सिर्फ वेस्टर्न कल्चर का चलन बढ़ा, बल्कि इंडो-वेस्टर्न ड्रेसेस ट्रेंड में आ गए. इससे पहले लोगों को धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा और सलवार कमीज के बारे में ही जानकारी थी.
ऐसे में ब्रिटिश राज में जब लोगों का परिचय सूट, टाई और पैंट से हुआ तो धीरे-धीरे ये ड्रेस फैशन में आ गई और लोग इसे स्टेटस से जोड़कर भी देखने लगे. तब समाज के इलीट क्लास ने सूट, वेस्ट कोट्स और जैकेट्स जैसे नए स्टाइल को अपनाना शुरू कर दिया. हालांकि, समय के साथ धीरे-धीरे अब ये सभी चीजें भारत में कॉमन हो गईं. मालूम हो, साल 1947 में आजादी के बाद भी पुरुषों के पहनावे और स्टाइल स्टेटमेंट में बदलाव आए.
जहां एक ओर 1960 और 1970 के दशक में नेहरु जैकेट ट्रेंड में थी तो वहीं 1980 के दशक में इंटरनेशनल फैशन और स्टाइल का चलन इंडिया में काफी बढ़ गया. वहीं, 1990 और 2000 के दशक में देश ने नए डिजाइनर्स को देखा, जिन्होंने तरह-तरह के स्टाइल के ड्रेस देश में लांच किये. इस तरह से देश में पुरुषों के भी लिनन, सिल्क और कॉटन के ड्रेस तैयार होने लगे, जोकि लोगों को भी काफी पसंद आये.
फेमस हैं ये सूट डिजाइंस
टक्सीडो: टक्सीडो सदाबहार हैं. टक्सीडो में पुरुष काफी एलिगेंट लगते हैं. इन्हें 1800 के दशक में इंट्रोड्यूस किया गया था, लेकिन आज भी टक्सीडो पुरुषों की पहली पसंद हैं. आप इन्हें कैरी करके स्टाइलिश दिखेंगे.
सिंगल ब्रेस्टेड सूट: क्लासिक सिंगल ब्रेस्टेड सूट सबसे ज्यादा पहने जाने वाले सूटों में से एक है. इनमें सिंगल बटन तीन लेयर में होते हैं. इसे कैरी करने का एक सिंपल रूल है कि सूट में आपको आखिरी बटन को टक नहीं करना है.
डबल ब्रेस्टेड सूट:डबल ब्रेस्टेड सूट के ब्लेजर के दोनों ओर बटनों की दो लाइन होती हैं. वैसे तो इस तरह के सूट में 6 बटन होते हैं, लेकिन कई सूट में आपको 8 बटन भी मिल सकते हैं. फॉर्मल मीटिंग के लिए डबल ब्रेस्टेड सूट को ज्यादातर यूज किया जाता है.
थ्री-पीस सूट:वैसे आजकल थ्री-पीस सूट भी ट्रेंड में हैं. इसमें कोट और पैंट के साथ हाल्फ कोट भी होता है, जिसे शर्ट के ऊपर कैरी किया जाता है. आमतौर पर भारत में इस तरह के सूट पुरुष वेडिंग जैसे इवेंट्स में कैरी करते हैं. वैसे इन्हें बिज़नस फॉर्मल के लिए भी स्टाइल किया जाता है.