बच्चों को क्यों होती है एंग्जाइटी, क्या हैं इसके लक्षण, एक्सपर्ट ने बताया
आज के समय में बड़ों से लेकर बच्चों सभी उम्र के लोगों में एंग्जाइटी की समस्या बढ़ती जा रही हैं. अगर बच्चों की बात करें तो स्कूल से आने के बाद बच्चे अपना ज्यादातर समय सोशल मीडिया या फिर गेमिंग के लिए मोबाइल चलाते हुए बिताते हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम करते हैं. साथ ही आज के इस कॉम्पिटिशन के दौर में बच्चे पढ़ाई को लेकर काफी स्ट्रेस लेते हैं. जिसके चलते वह एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं. इसी के चलते पीएम मोदी ने भी बच्चों में पढ़ाई के स्ट्रेस को लेकर बात की.
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के आठवें संस्करण में छात्रों से बात की. इसे दौरान उन्हें लाइफस्टाइल और खान-पान से लेकर कई विषयों के बारे में बताया है. जिसमें से एक डिप्रेशन से कैसे बचें ये भी शामिल है.
परीक्षा पे चर्चा के दौरान ने बच्चों के बातचीत के दौरान कहा कि धीरे-धीरे अपने देखा होगा कि अब घर में कोई बात करता है तो अब अच्छा नहीं लगता है. बचपन में अपनी हर माता-पिता को बताया करते थे. अब धीरे-धीरे छात्र अपने आपको को अपनों से कट करते जा रहे हैं. इससे वह धीरे-धीरे डिप्रेशन में जा सकता है. इससे बचने के लिए मन में कोई बात न रखें. अपनी बातें सबसे सामना खुलकर कहें. घर में सभी से बात-चीत करें.
आजकल एग्जाम को लेकर कई बच्चों स्ट्रेस में रहते हैं. वहीं कई लोग किसी न किसी बात को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं. एग्जाम या किसी बात को लेकर सोचना आम बात है. लेकिन अगर आप किसी बात को लेकर जरूरत से ओवरथिंकिंग कर रहे हैं या फिर स्ट्रेस ले रहे हैं तो इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में एंग्जायटीया डिप्रेशन हो सकता है. लेकिन इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से एंग्जाइटी के लक्षण और इसे किस तरह से कम किया जाए, इसके बारे में
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में मनोरोग विभाग में एचओडी डॉ एके कुमार बताते हैं कि अगर किसी बच्चे को अक्सर बेचैनी रहती है, वह ज्यादा घबराता है और हमेशा डर और चिंता में रहता है तो ये लक्षण हैं कि वहएंग्जायटीका शिकार हो रहा है.
बच्चे को एंग्जाइटी कई कारणों से हो सकती है. अगर उसके माता-पिता झगड़ते हैं, घर का माहौल ठीक नहीं है. बचपन में कोई दुखद घटना हुई है या फिर वह पढ़ाई ठीक से नहीं कर पा रहा है तो उसको एंग्जायटीहो सकती है.
कुछ मामलों में ये ब्रेन के फंक्शन में गड़बड़ी के कारण भी हो सकता है. बच्चे में इस मानसिक समस्या को सही समय पर पहचानना और डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराना जरूरी है. ऐसा न करने से बच्चा डिप्रेशन तक में जा सकता है. जो एक खतरनाक स्थिति है.
स्ट्रेस को करें मेनेज
सही लाइफस्टाइल
लाइफस्टाइल का सही होना सबसे जरूरी है. इसलिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें. सोने के समय भी ध्यान रखें. इसके साथ ही हेल्दी डाइट लें. स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए मेडिटेशन करें साथ ही अपने पसंदीदा काम जैसे का डांस, पेंटिंग जैसे हॉबी के लिए सप्ताह में जरूर समय निकालें. लड़ाई-झगड़ा करने से बचें. अगर आपके मन में कोई बात है तो आप अपने करीबी दोस्त से बात करें. उन्हें उस बारे में सब बताएं. परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं. उनके साथ बात करें और घूमने जाएं.
टाइम मैनेजमेंट
अपने समय को मैनेज करें. अगर बच्चों की बात करें तो स्कूल, ट्यूशन, पढ़ाई और खेल सभी का एक टाइम टेबल बनाएं. वहीं बड़े लोग अपने रोजमर्रा के काम का समय बनाएं. रात में समय से सोएं सुबह उठकर एक्सरसाइज, मेडिटेशन या योग के लिए समय निकालें और जरूरी कामों को पहले करें. सोशल मीडिया पर समय की बर्बादी करने से बचें.