चारभुजा नाथ धाम में जलझूलनी एकादशी महोत्सव : भक्तों का उमड़ा सैलाब, गूंजे “चारभुजा नाथ की जय”सोने के बेवाण में ठाकुरजी की शाही सवारी कल
राजसमंद। मेवाड़ के सुप्रसिद्ध चारभुजा नाथ धाम में बुधवार को जलझूलनी एकादशी महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। श्रद्धा और आस्था से ओतप्रोत इस पावन पर्व के अवसर पर मंदिर नगरी चारभुजा धाम भक्तिरस से सराबोर हो गई है। मेले का उत्साह चरम पर है, जगह-जगह भजन-कीर्तन और हर-हर गोविंद की गूंज माहौल को और भी दिव्य बना रही है।
भीलवाड़ा, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर इस पावन धाम में पहुंच रहे हैं। नंगे पांव कठिन मार्ग तय कर जब भक्त चारभुजा नाथ की नगरी में प्रवेश करते हैं तो उनके चेहरे पर थकान नहीं बल्कि आनंद और विश्वास की अनोखी चमक झलकती है। ठाकुरजी के दर्शन पाते ही श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठते हैं और मंदिर प्रांगण भक्ति-नृत्य और कीर्तन से गूंज उठता है।
सोने के बेवाण में ठाकुरजी की शाही सवारी
जलझूलनी एकादशी का मुख्य आकर्षण ठाकुरजी की शाही शोभायात्रा है। परंपरा अनुसार ठाकुरजी को सोने से जड़े भव्य बेवाण में विराजित कर दूध तलाई तक ले जाया जाएगा। शोभायात्रा के दौरान सड़कों पर गुलाल और अबीर बरसते ही वातावरण रंग-बिरंगा हो उठेगा। भक्तजन “चारभुजा नाथ की जय” और “जय श्री कृष्ण” के उद्घोष के साथ आकाश को गूंजायमान करेंगे। मान्यता है कि इस शोभायात्रा में शामिल होने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सुबह मंगला झांकी के साथ दर्शन का क्रम प्रारंभ होगा, इसके बाद दिनभर ठाकुरजी के अलग-अलग श्रृंगार रूपों के दर्शन भक्तों को आकर्षित करेंगे। नगर के हर मार्ग पर भजन मंडलियां डफली और मंजीरे की थाप पर भक्ति संगीत छेड़ती नजर आएंगी।
लाखों श्रद्धालुओं की उमंग, प्रशासन ने कसी कमर
हर वर्ष की भांति इस बार भी चारभुजा धाम में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कड़े प्रबंध किए हैं। सूरजपोल की ओर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
चारभुजा थाना प्रभारी प्रीति रत्नू ने बताया कि मंदिर परिसर के बाहर दुकानों के ऊपर अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित की गई है। यहां से भीड़ प्रबंधन और दर्शन व्यवस्था की लगातार निगरानी की जाएगी। साथ ही सात थानों का जाब्ता और थाना इंचार्ज स्वयं व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
आस्था और परंपरा का संगम
चारभुजा धाम का यह पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम है। जलझूलनी एकादशी के अवसर पर यहां लगने वाला मेला सदियों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। माना जाता है कि इस दिन चारभुजा नाथ स्वयं भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
कल जब ठाकुरजी की शोभायात्रा दूध तलाई की ओर प्रस्थान करेगी, तब पूरा नगर भक्ति और आनंद के रंग में रंग जाएगा। श्रद्धालुओं का सैलाब और उनकी उमंग इस पर्व को और भी भव्य बना देगा।
