श्रीगंगानगर में फिर फर्जी सिम कार्ड घोटाला उजागर,: मोबाइल शॉप संचालक पर बड़ा मामला दर्ज
श्रीगंगानगर, ।
राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर में एक बार फिर फर्जी सिम कार्ड घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। मटीली राठान थाना क्षेत्र में गुरुद्वारा के पास स्थित ‘सारंग मोबाइल शॉप’ के संचालक पर 94 फर्जी सिम कार्ड जारी कर उन्हें साइबर अपराधियों तक पहुंचाने का आरोप लगा है। पुलिस ने करीब तीन महीने की गुप्त जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
गृह मंत्रालय से मिली थी शिकायतें
घोटाले का खुलासा तब हुआ जब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड पोर्टल पर लगातार ऐसी शिकायतें मिलने लगीं, जिनमें इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर श्रीगंगानगर क्षेत्र से जारी पाए गए। जानकारी राजस्थान सरकार को भेजी गई और उसके बाद यह जांच श्रीगंगानगर पुलिस को सौंपी गई।
चतुराई से बनाया फर्जीवाड़े का सिस्टम
पुलिस की जांच से पता चला कि आरोपी मोबाइल संचालक ग्राहकों के दस्तावेजों का दुरुपयोग करता था। सिम लेने आए ग्राहकों के आईडी प्रूफ की अतिरिक्त कॉपी वह अपने पास रख लेता। साथ ही, ऑनलाइन एक्टिवेशन के दौरान "सर्वर डाउन" या "फोटो अपलोड न होने" का बहाना बनाकर वह ग्राहक की दोबारा फोटो खींचता और उसी पहचान पर एक अतिरिक्त सिम कार्ड जारी कर लेता।
ये अतिरिक्त सिम बाद में साइबर फ्रॉड नेटवर्क को बेचे जाते, जो उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में इस्तेमाल करते थे।
तीन महीने से फरार आरोपी
जांच की भनक लगते ही आरोपी गायब हो गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह पिछले तीन महीनों से श्रीगंगानगर की पुरानी आबादी इलाके में छिपा हुआ है, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है।
श्रीगंगानगर में यह दूसरा बड़ा मामला
यह घोटाला हाल ही में घड़साना नई मंडी इलाके में हुए सिम कार्ड फर्जीवाड़े जैसा ही है, जहां एक दुकानदार ने बड़ी संख्या में फर्जी सिम कार्ड विदेशों तक भेज दिए थे, जिससे बड़े पैमाने पर साइबर ठगी की गई।
फर्जी सिम कार्ड का बढ़ता नेटवर्क न सिर्फ साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी लगातार चुनौती बनता जा रहा है। पुलिस अब इस मामले में आरोपी की तलाश तेज करने और नेटवर्क को पकड़ने के लिए कार्रवाई आगे बढ़ा रही है।
