हाईकोर्ट का स्पष्ट संदेश स्कूलों पर पैसा नहीं दिया तो बाकी खर्चे भी रुकेंगे
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के जर्जर स्कूल भवनों के जीर्णोद्धार का रोडमैप समय पर न आने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर पांच दिसंबर तक रोडमैप पेश नहीं किया गया तो शिक्षा सचिव व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हों।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार प्रवासी राजस्थान समारोह और शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च कर रही है, लेकिन स्कूलों के जीर्ण-शीर्ण भवनों के लिए जरूरी पैसा नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर स्कूलों के लिए धन नहीं जारी किया गया तो बाकी खर्चों पर भी रोक लगाई जा सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे होगी।
न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल और न्यायाधीश अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद दर्ज याचिकाओं और जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की। महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने रोडमैप के लिए और समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने कहा कि चार महीने से सुनवाई हो रही है और बार-बार समय देने से सरकार की गंभीरता पर सवाल उठता है।
कोर्ट ने कहा कि कभी केंद्र से धन की मांग होती है, कभी डीएमएफटी से, लेकिन स्थिति जस की तस है। पिछली सुनवाई में भी सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं आया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विशेष बेंच बनाए जाने का मतलब ही गंभीरता होनी