प्रशासनिक उदासीनता पर हाईकोर्ट सख्त, जिला जज करेंगे जेलों का निरीक्षण

Update: 2025-08-19 01:31 GMT



जयपुर। प्रदेश की जेलों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश न करने पर अदालत ने नाराजगी जताई और सभी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को स्थानीय जेलों का निरीक्षण करने का आदेश दिया है।

जस्टिस एस.पी. शर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश स्वप्रेरणा से दर्ज याचिका की सुनवाई के दौरान दिए। सुनवाई में न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि पिछली सुनवाई पर सरकार ने पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा था, लेकिन अब तक रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि प्रशासनिक उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि अब जिला न्यायाधीशों से ही जेलों की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट मांगी जाएगी, ताकि हकीकत सामने आ सके।

🔹 45 बिंदुओं पर पहले ही दिए थे निर्देश

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण और जेल व्यवस्थाओं को लेकर पहले ही 45 बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए थे। अदालत समय-समय पर सरकार से इन बिंदुओं की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहती रही है, मगर लापरवाही के चलते रिपोर्ट अब तक पेश नहीं हुई।

 

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