सात अंकों वाले वाहन नंबरों में बड़ा घोटाला:: 400 से ज्यादा कार्मिकों की मिलीभगत, सवाई माधोपुर RTO अमरावत निलंबित

Update: 2025-11-24 14:08 GMT



जयपुर/दौसा/सवाई माधोपुर।

राजस्थान के परिवहन विभाग में पुराने 7 डिजिट वाहन नंबरों को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि सवाई माधोपुर जिले में ऐसे वाहन नंबर जारी किए जा रहे थे जो अस्तित्व में थे ही नहीं। बैकलॉग नंबरों की इस अनियमितता में करीब 400 कार्मिकों की मिलीभगत सामने आई है। मामले में कार्रवाई करते हुए विभाग ने सवाई माधोपुर RTO अमरावत को निलंबित कर दिया है।

**कैसे हुआ घोटाला?

अस्तित्वहीन वाहनों पर जारी हो रहे थे नंबर**

जानकारी के अनुसार, दौसा RTO के अधीन आने वाले सवाई माधोपुर जिले में पुराने VIP और 7 डिजिट नंबरों का दुरुपयोग किया जा रहा था।

इन नंबरों को—बैकलॉग में दिखाकर

रिकॉर्ड में हेरा-फेरी करऔर अस्तित्वहीन वाहनों के नाम पर नए वाहनों को जारी किया जा रहा था।

जांच में सामने आया कि कई नंबर उन वाहनों के नाम पर जारी हुए जिनका कोई रिकॉर्ड, दस्तावेज या फाइल तक नहीं थी।

RTO से मांगी गई रिपोर्ट, जवाब नहीं मिला — कार्रवाई तुरंत

मामले की गंभीरता देखते हुए विभाग ने सवाई माधोपुर RTO अमरावत से रिपोर्ट मांगी थी।

लेकिन—वे तय समय पर कोई संतोषजनक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाए।

इसके बाद परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए आज RTO अमरावत को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया।

400 कार्मिकों पर गाज, रिपोर्ट में मिला बड़ा खुलासा

अपर आयुक्त रेणु खंडेलवाल की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि:

वाहन नंबर आवंटन में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं हुईं

यह कार्रवाइयाँ किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं, बल्कि

लगभग 400 विभागीय कार्मिकों की मिलीभगत का मामला है

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैकलॉग नंबरों को गलत तरीके से सिस्टम में दिखाकर उन्हें उच्च कीमत वाले VIP नंबरों की तरह बेचा जा रहा

क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?

सूत्रों के अनुसार:कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू होगीआर्थिक अनियमितता साबित होने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) भी जांच संभाल सकता है

पुराने नंबरों से जुड़े सभी रिकॉर्ड दोबारा खंगाले जाएंगे

यह मामला प्रदेश के परिवहन विभाग में सामने आए पिछले कई वर्षों के सबसे बड़े नेटवर्क घोटालों में से एक माना जा रहा है।

 

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