100 करोड़ के घोटाले में फैंसी मेवाड़ युनिवर्सिटी: चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ शिक्षा विभाग के विवादास्पद आदेश से हड़कम्प
चित्तौड़गढ। चित्तौड़गढ़ स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग के आदेश से हड़कम्प मचा है। मामला सामने आने के बाद अब अधिकारी बचाव में लगे है।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ युनिवर्सिटी जो फर्जी डिग्री जारी करने के साथ करीब सौ करोड़ के छात्रवृति घोटाले में फंसी है के शनिवार से प्रारम्भ हुए दो दिवसीय प्रतिभा प्रोत्साहन समारोह के लिए चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ सहित संभाग के अन्य जिलों के शिक्षा विभाग ने गत दो दिसम्बर को एक आदेश जारी कर अपने अधीनस्थ सभी माध्यमिक विध्यालयों को पाबंद किया कि अपने प्रतिभावान छात्र छात्राओं को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भेजें। निजी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध मेवाड़ एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष गोविंद गदिया के दावे अनुसार उदयपुर संभाग सहित समीपवर्ती मध्यप्रदेश से भी करीब बीस हजार छात्रों का पंजीयन हुआ है।
विवादों से घिरी इस युनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम के लिए इस तरह का आदेश जारी करने पर चितौड़गढ के शिक्षा अधिकारी जीतेन्द्र दशोरा और प्रतापगढ़ के अनिल पोरवाल ने कहा कि हमें नहीं पता था आगे से ध्यान रखेंगे।
शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रथम दिन चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह और बेगूं विधायक डा. सुरेश धाकड़ अतिथि थे जबकि आज के समापन समारोह के लिए सांसद चंद्रप्रकाश जोशी के साथ जिला कलेक्टर आलोक रंजन व पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी अतिथि थे। उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय के मुख्य कर्ताधर्ता कुलगुरु अशोक गदिया वर्ष 2013 में करीब एक सौ करोड़के छात्रवृति घोटाले में उत्तराखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाकर 74 दिन वहां की जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए तो इसी वर्ष राज्य के विशेष कार्रवाई दल (एस ओ जी) ने फर्जी डिग्रियां जारी करने पर विश्वविद्यालय के तीन उच्च अधिकारियों को गिरफ्तार किया था वहीं हाल ही में राज्य के कृषि मंत्री डा. किरोड़ीलाल मीणा ने स्वयं यहां छापामार कार्यवाही कर कृषि स्नातक व डिप्लोमा के लिए अपात्र होते हुए करीब चार सौ छात्रों के फर्जी प्रवेश और डिप्लोमा जारी करने का मामला पकड़ा था।