रासलीला जीव और ब्रम्ह के मिलन की कथा-पं भारद्वाज
लक्ष्मीनाथ मंदिर में भागवत कथा जारी
चित्तौड़गढ़। शहर के प्रतापनगर के लक्ष्मीनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथाव्यास पं. अशोक भारद्वाज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रासलीला जीव और ब्रम्ह के मिलन की कथा है, यह कोई नाचने गाने की कथा नहीं है, गोपिया प्राणी मात्र सब जीव है भगवान कृष्ण ब्रह्म है, परमात्मा अगर जीव को बुलाएगा तो जीव को आना ही पड़ेगा, गोपियों का प्रभु के प्रति निष्काम प्रेम रासलीला के द्वारा दर्शाया गया है। यह कथा भगवान श्री कृष्ण की कामदेव के अभिमान को समाप्त करने की लीला है।
आगे के प्रसंग में पं.भारद्वाज ने बताया कि जब भगवान वृंदावन से मथुरा की तरफ जाने लग गए सारे गोकुल में बड़ा करुणाजनक वातावरण बन गया मनुष्य तो ठीक गाय तक रोने लग गई गायों ने कहा प्रभु अगर आप चले गए तो हमारा क्या होगा। आपने हमारे लिए ही गोपाल नाम धारण किया और हमारा पोषण किया। भगवान ने बताया कि गाय की सेवा से मैं प्रसन्न होता हूं वर्तमान समय में गायों का पोषण हमें करना चाहिए जगह-जगह गौशालाएं खुल रही है। इस बारे में सरकार भी काफी गंभीर है। हमारा भी एक कर्तव्य होता है। गऊ सेवा करें ऐसा नहीं हो की दूध लेले और गाय को बाद में हम आवारा पशुओं की तरह छोड़ दें। भगवान मथुरा पधारे कंस को समाप्त किया। मथुरा वासियों को कंस आतंक से मुक्त किया। भगवान ने द्वारका का निर्माण किया। भागवत कथा में श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह का प्रसंग हुआ।