गहलोत का सवाल : धनखड़ का इस्तीफा रहस्य क्यों बना? बोले संवैधानिक पद से इस्तीफे ऐसे नहीं होते, देश को स्पष्टीकरण चाहिए
बीकानेर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को बीकानेर दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि यह कोई मामूली घटना नहीं है, लेकिन न तो खुद धनखड़ ने कुछ कहा और न ही सरकार ने कोई स्पष्टीकरण दिया। ऐसे में देश के सामने यह पूरा मामला एक रहस्य बन गया है।
गहलोत ने कहा, "धनखड़ का जो एपिसोड हुआ, उसके बाद से सरकार खुद डिफेंसिव हो गई है। यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने खुद इस्तीफा दिया या उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया। जब कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद से इस्तीफा देता है, तो उसे लेकर जनता को पूरी जानकारी मिलनी चाहिए। लेकिन न धनखड़ बोले, न सरकार। यह मौन और रहस्य लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।"
ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप
गहलोत ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी दोहराया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ईडी, इनकम टैक्स, और सीबीआई जैसी प्रीमियर एजेंसियों का भय का माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है।"ईडी ने 193 केस रजिस्टर किए लेकिन सरकार के अनुसार केवल दो मामलों में सफलता मिली। बाकी मामलों में क्या सिर्फ राजनीतिक उत्पीड़न हुआ? छापे मारे जाते हैं, घरों में घुसा जाता है, महिलाओं को परेशान किया जाता है। ये बहुत खतरनाक स्थिति है।"
‘चूक कहां हुई, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा’
गहलोत ने हाल ही की पहलगाम घटना का हवाला देते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद कोई भी मंत्री या एजेंसी प्रमुख इस्तीफा नहीं देता। उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर चूक हुई तो उसका जिम्मेदार कौन है? कोई रिपोर्ट नहीं आ रही, न कोई जवाब।”
संसद में सवाल उठे, जवाब कोई नहीं
गहलोत ने कहा कि संसद में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, गौरव गोगोई और अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने जो सवाल उठाए, उनका कोई जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ खत्म हुआ था, तब विपक्ष की मांग थी कि संसद सत्र बुलाया जाए। लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। "इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, और मूल सवालों से जनता को भटकाया जा रहा है।"
छात्र राजनीति को खत्म करना चाहती है नई शिक्षा नीति
गहलोत ने छात्र संघ चुनाव को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार छात्र राजनीति खत्म करना चाहती है।"अनेक नेता छात्र संघ चुनावों से निकले हैं। भाजपा में अरुण जेटली से लेकर कई मंत्री तक छात्र राजनीति की उपज हैं। हमने सरकार में रहते चुनाव टाल दिए थे, लेकिन उम्मीद थी कि अगली सरकार बनते ही पहला काम छात्र संघ चुनाव कराना होगा।"
यमुना से पानी आया तो खुद माला पहनाऊंगा
बीकानेर को यमुना से पानी लाने की योजना पर गहलोत ने कहा कि अगर वास्तव में पानी आता है तो यह खुशी की बात होगी। "डीपीआर बन रही है और एग्रीमेंट भी हो गया है। अगर वाकई में पानी आया, तो मैं खुद जाकर माला पहनाऊंगा।"
राजे-भजनलाल की दिल्ली बैठक पर बोले – ये उनका अंदरूनी मामला
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे पर पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
निष्कर्षअशोक गहलोत का बीकानेर दौरा राजनीतिक रूप से कई सवाल खड़े कर गया। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से लेकर केंद्रीय एजेंसियों की कार्यप्रणाली, संसद की कार्यशैली और छात्र राजनीति तक, उन्होंने केंद्र सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। अब देखना यह होगा कि धनखड़ प्रकरण पर सरकार या खुद उपराष्ट्रपति की ओर से कोई सफाई आती है या यह रहस्य यूं ही बना रहेगा।
