राजस्थान में औद्योगिक क्रांति को नई रफ्तार,: रिप्स के तहत 765.78 करोड़ की रिकॉर्ड सब्सिडी जारी

Update: 2025-08-10 05:58 GMT
रिप्स के तहत 765.78 करोड़ की रिकॉर्ड सब्सिडी जारी
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जयपुर। राजस्थान के औद्योगिक विकास को पंख लगाते हुए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) के तहत प्रदेश के 2300 निवेशकों को 765.78 करोड़ रुपए की भारी-भरकम इंसेंटिव राशि जारी कर दी गई है। उद्योग विभाग के अनुसार, यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 293 प्रतिशत अधिक है, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। इस बड़ी पहल से न केवल मौजूदा परियोजनाओं को नई गति मिलेगी, बल्कि प्रदेश में निवेश के लिए प्रतीक्षारत नए निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बूस्ट मिलने की प्रबल संभावना है।

उद्योग जगत में खुशी की लहर, कहा- अब और तेजी से घूमेगा इकोनॉमी का पहिया

सरकार के इस कदम का उद्योग जगत ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। उद्योगपतियों का लंबे समय से मानना रहा है कि इंसेंटिव और सब्सिडी की राशि समय पर जारी नहीं होने से उन्हें मशीनरी की खरीद, उत्पादन क्षमता के विस्तार और नई तकनीक को अपनाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब इस रिकॉर्ड तोड़ भुगतान के बाद, उद्यमियों का कहना है कि यदि यह सिलसिला बना रहता है और बकाया इंसेंटिव व सब्सिडी नियमित रूप से मिलती रहती है, तो राजस्थान की इकोनॉमी का पहिया और भी तेज गति से घूमेगा। इस कदम से कार्यशील पूंजी का संकट कम होगा और औद्योगिक इकाइयां अपने विस्तार की योजनाओं को धरातल पर उतार सकेंगी।

इन क्षेत्रों को मिलेगा विशेष बल

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) को प्रदेश में एक समग्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस योजना में कुछ विशेष क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें विशेष प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। जिन प्रमुख क्षेत्रों को इस इंसेंटिव राशि से सीधा लाभ मिलेगा उनमें शामिल हैं:

नवीकरणीय ऊर्जा: सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान पहले से ही देश में अग्रणी है। इस प्रोत्साहन से बायोमास और अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन जैसी परियोजनाओं को भी बल मिलेगा।

पर्यटन: प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जिससे नई होटलें, रिसॉर्ट्स और अन्य टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा।

आईटी और स्टार्टअप्स: सूचना प्रौद्योगिकी, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता में है। यह राशि आईटी कंपनियों और नए जमाने के उद्यमियों को अपने सपनों को साकार करने में मदद करेगी।

महिला उद्यमिता: महिला उद्यमियों द्वारा संचालित उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन देकर सरकार महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है।

एम-सैंड: प्रदेश में एम-सैंड (निर्मित रेत) के उत्पादन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है, जो निर्माण क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।

सरकार का दावा: निवेशकों का भरोसा बढ़ा

उद्योग विभाग के आला अधिकारियों का दावा है कि रिप्स के तहत इंसेंटिव दावों का त्वरित निस्तारण सरकार की निवेशक-हितैषी नीतियों को दर्शाता है। उनका कहना है कि इस रिकॉर्ड भुगतान से प्रदेश में एक सकारात्मक निवेश माहौल बना है और देश-विदेश के निवेशकों का राजस्थान के प्रति विश्वास और भी गहरा हुआ है। सरकार की यह पहल राज्य को देश के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। आने वाले समय में इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद है।

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